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महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान कब, प्रयागराज में समा जाएगी 120 देशों की आबादी, यूपी सरकार-रेलवे कर रहे महा इंतजाम

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के पर्व पर 6 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले अमृत स्नान यानी शाही स्नान में इससे भी ज्यादा श्रद्धालु पहुंचेंगे.

पिछले स्नान पर्वों में दिखी बड़ी भीड़

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पिछले स्नान पर्वों में दिखी बड़ी भीड़

13 जनवरी से महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो चुका है. पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति पर 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया. अब मौनी अमावस्या पर इस संख्या के और अधिक बढ़ने की उम्मीद है.  

महाकुंभ का सबसे बड़ा शाही स्नान

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महाकुंभ का सबसे बड़ा शाही स्नान

इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को पड़ रही है, और इसी दिन महाकुंभ में तीसरा शाही स्नान होगा. संभावना है कि मौनी अमावस्या पर करीब 8-10 करोड़ संगम पर स्नान करेंगे. 

स्मार्ट बस सेवा होगी उपलब्ध

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स्मार्ट बस सेवा होगी उपलब्ध

कुंभ मेले में श्रद्धालुओं के लिए शटल बसें, इलेक्ट्रिक बसें और नियमित बसों का संचालन लगातार किया जाएगा. बस सेवाओं की संख्या और रूट्स में भी सुधार किया जाएगा.  

सफाई और जल आपूर्ति पर खास ध्यान

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सफाई और जल आपूर्ति पर खास ध्यान

मुख्यमंत्री ने घाटों पर बेरिकेटिंग और शौचालयों की नियमित सफाई के निर्देश दिये. सभी सेक्टरों में 24x7 बिजली और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.  

मोबाइल नेटवर्क को किया जाएगा बेहतर

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मोबाइल नेटवर्क को किया जाएगा बेहतर

मेले के दौरान मोबाइल नेटवर्क को सुचारू और मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है. डिजिटल सुविधाओं में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं.  

महाकुंभ के लिए रेलवे की महा तैयारी

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महाकुंभ के लिए रेलवे की महा तैयारी

महाकुंभ में हर रोज आ रहे लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने 10 हजार नियमित ट्रेनें  चलाई हैं जिसमें से 3134 स्पेशल ट्रेन हैं. साथ ही श्रद्धालुओं को आसानी से टिकट मिल सके इसके लिए 554 टिकट काउंटर बनाए गए हैं. 

श्रद्धालुओं के लिए 12 भाषाओं में अनाउंसमेंट

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श्रद्धालुओं के लिए  12 भाषाओं में अनाउंसमेंट

महाकुंभ से देश के कौने-कौने से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं इसलिए रेलवे ने प्रयागराज के सभी स्टेशनों पर 12 भाषाओं में अनाउंसमेंट और जानकारी उपलब्ध कराने का इंतजाम किया है. साथ ही रेलवे ने 1000 कैमरे भी रेलवे स्टेशनों पर लगाए हैं ताकि हर जगह निगरानी में रहे.  

मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व

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मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व

इस दिन को शास्त्रों में गंगा स्नान, दान और पितरों की पूजा के लिए सबसे खास माना गया है. यह जप, तप और साधना के लिए भी उत्तम समय होता है.

मौन व्रत का महत्व

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मौन व्रत का महत्व

मौनी अमावस्या पर मौन रहकर व्रत करने से वाणी में मधुरता आती है और मन को शांति मिलती है. इसे करने से आत्मिक शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति की संभावना बढ़ती है.  

Disclaimer

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Disclaimer

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.