महाकुंभ 2025 के दौरान भारतीय रेलवे 13,243 ट्रेनें संचालित करेगा, जिनमें से 3,000 विशेष ट्रेनें होंगी. मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर 500 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधाजनक यात्रा मिल सके.
प्रयागराज जंक्शन पर यात्री प्रबंधन के लिए कलर कोडेड टिकट और आश्रय स्थल बनाए गए हैं. लाल, नीला, पीला और हरे रंग के आश्रय स्थल यात्रियों की सुविधा और भीड़ नियंत्रण के लिए तैयार किए गए हैं.
कलर कोडेड आश्रय स्थलों में स्वच्छ पीने का पानी, शौचालय, और बैठने की सुविधाएं उपलब्ध होंगी. दिव्यांग यात्रियों के लिए अलग काउंटर्स बनाए गए हैं ताकि उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.
प्रयागराज जंक्शन पर 1200 सामान्य और 116 फेस रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर अलर्ट जारी करेंगे और रेलवे पुलिस की सहायता करेंगे.
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जंक्शन और उसके आसपास 18,000 से अधिक सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा, ताकि महाकुंभ शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से संपन्न हो सके.
प्रयागराज जंक्शन पर प्लेटफार्म नंबर 1 के बाहर 10 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया गया है. इसमें ट्रेंड डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात होंगे, जो यात्रियों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करेंगे.
रेलवे ने तीर्थयात्रियों के लिए प्रयागराज जंक्शन के पास ही शाकाहारी भोजन, स्वच्छ वातावरण और यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं.
मौनी अमावस्या के दौरान ट्रेनों से 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के यात्रा करने की संभावना है. पूरे महाकुंभ में 10 करोड़ से अधिक यात्रियों के ट्रेन से सफर का अनुमान है.
भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और यात्री प्रबंधन के लिए रेलवे ने अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग किया है. ताकि महाकुंभ का आयोजन सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो सके.
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