लखनऊ और कानपुर के बीच 63 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे जून 2025 से पहले बनकर तैयार हो जाएगा. इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय कम होकर सिर्फ 35 मिनट रह जाएगा. यह परियोजना न सिर्फ यात्री परिवहन बल्कि व्यापार, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सुधार करेगी.
इस एक्सप्रेसवे के बनने से लखनऊ से कानपुर तक की यात्रा का समय 2 घंटे से घटकर सिर्फ 35 मिनट रह जाएगा. इससे न केवल यात्रियों को यात्रा में सुविधा होगी, बल्कि कारोबारियों और पर्यटकों के लिए भी यह बहुत फायदेमंद साबित होगा.
इस एक्सप्रेसवे का 18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड रोड होगा, जबकि बाकी 45 किलोमीटर ग्रीन फील्ड रोड के रूप में तैयार किया जा रहा है. एलिवेटेड रोड कानपुर हाईवे पर बन रहा है.
एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में तेजी लाई जा रही है. इस परियोजना में तीन बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और छह फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है. परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने बताया कि अब तक 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.
ट्रैफिक को कम करने के लिए इस एक्सप्रेस वे को लखनऊ के रिंग रोड से जोड़ा जाएगा. यह एक्सप्रेस वे लखनऊ में शहीद पथ से शुरू होकर नवाबगंज, बंथरा, दतौली कांठा, तौरा, नेओरना, अमरसास और रावल मार्ग होते हुए कानपुर से जुड़ जाएगा.
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे परियोजना को भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है. इस परियोजना पर कुल 4700 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च आएगा. निर्माण कार्य में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जैसे कि एलिवेटेड रोड के लिए खास तकनीक से गर्डर तैयार किए जा रहे हैं.
एक्सप्रेसवे पर वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भर सकेंगे. बनी से उन्नाव तक 45 किलोमीटर लंबी 6 लेन की सड़क बनाई जा रही है, जिससे यात्रा में और भी तेजी आएगी.
इस एक्सप्रेसवे के बनने से इलाके में औद्योगिक विकास को भी रफ्तार मिलेगी. इससे न केवल स्थानीय व्यापार को फायदा होगा, बल्कि इससे आने वाले समय में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी.
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे से लखनऊ के 14 गांवों को लिंक किया जाएगा. इनमें अमौसी, बनी, बंथरा, सिकंदरपुर, बेहसा, फरुखाबाद, चिल्लावां, गहरू, गौरी, खांडेदेव, मीरनपुर पिनवट, नटकुर, और सराय शहजारी गांव शामिल हैंय इन गांवों के लोग भी इस एक्सप्रेसवे से जुड़े जाएंगे.
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