Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ भव्यता और आस्था का संगम होगा. 5.51 करोड़ रुद्राक्ष और 11,000 त्रिशूल से द्वादश ज्योतिर्लिंग का शृंगार होगा. मौनी बाबा शिविर में विशेष यज्ञ और सवा करोड़ दीपक जलाएंगे. सुरक्षा के लिए कोरस कमांडो तैनात हैं. धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलुओं पर शोध किया जाएगा.
महाकुंभ में पहली बार धार्मिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक मुद्दों पर शोध को प्राथमिकता दी जा रही है. यह आयोजन शोध के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा.
महाकुंभ से होने वाले आर्थिक प्रभावों और विकास की संभावनाओं पर गहन अध्ययन होगा। यह अध्ययन देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को समझने में सहायक होगा.
संगम के जल और मौसम पर गहन अध्ययन होगा. डाटा बेस तैयार कर जलवायु परिवर्तन और आयोजन पर इसके प्रभाव का विश्लेषण किया जाएगा.
महाकुंभ के दौरान धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं पर शोध होंगे. इन अध्ययनों के लिए मेला प्रशासन ने कई संस्थानों के साथ समझौते किए हैं.
मौनी बाबा 13 जनवरी को शिविर से लेटते हुए संगम स्नान करेंगे. इसके साथ ही महाकुंभ का पहला स्नान उत्सव धार्मिक उत्साह के साथ आयोजित होगा.
आतंकी खतरे को देखते हुए प्रयागराज जंक्शन पर पहली बार कोरस कमांडो तैनात किए गए हैं. 1100 आरपीएफ कर्मी स्टेशन की सुरक्षा में जुटे हैं, और आईजी आरपीएफ ने निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा की.
शिविर की दीवारों पर त्रिशूल और बोरियों में रखे गए रुद्राक्ष की मालाएं आकर्षण का केंद्र बनी हैं. यहां आने वाले लोग इसकी भव्यता को देखकर सेल्फी लेने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं.
मेला क्षेत्र के सेक्टर-छह स्थित बजरंगदास मार्ग पर मौनी बाबा का शिविर आकर्षण का केंद्र होगा. 10,000 गांवों की पदयात्रा के बाद बाबा ने शिविर में विशेष यज्ञ और सवा करोड़ दीपक जलाने की तैयारी की है.
5.51 करोड़ रुद्राक्ष और 11,000 त्रिशूल से द्वादश ज्योतिर्लिंग का भव्य शृंगार किया जाएगा. 108 हवन कुंडों में 125 करोड़ आहुति और 11 करोड़ वैदिक मंत्रों के साथ संगम नगरी गुंजायमान होगी.
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