Ghaziabad News In Hindi: गाजियाबाद में कोचिंग सेंटरों को लेकर कई बड़े खुलासे किए गए हैं. शिक्षा विभाग की रिपोर्ट चौंकाने वाली है. गाजियाबाद जिले में सिर्फ 40 कोचिंग संस्थान ही ऐसे हैं जो रजिस्टर्ड हैं जबकि हजारों की संख्या में कोचिंग सेंटर कई मानकों को पूरा नहीं करती है.
गाजियाबाद के करीब 40 कोचिंग संस्थान ही ऐसे हैं जो शिक्षा विभाग में पंजीकृत किए गए हैं. बाकी के संस्थानों को लेकर कोई भी रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं है.
ये कोचिंग संस्थानें नियमों का उलंघन करते हुए धड़ल्ले से चलाई जा रही हैं. हालांकि गौर करने वाली बात ये है कि इनके खिलाफ एक्शन की शिक्षा विभाग के पास भी कोई ठोस योजना नहीं है.
जिले के शहर से लेकर गांव व कस्बों तक लापरवाही के साथ धड़ल्ले से हजारों बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. हो ये रहा है कि कोचिंग सेंटर का केवल एक बोर्ड लगाकर ही हजारों बच्चों को क्लास दी जा रही है.
न तो ये सेंटर मानकों का पालन करते हैं, न तो बच्चों की सुरक्षा का ही ख्याल है. महज दो से चार प्रतिशत ही ऐसे सेंटर हैं जो उचित मानक पर चलाए जा रहे हैं. फायर एनओसी भी करीब 10 संस्थानों के पास है.
केवल कोचिंग संस्थान ही नहीं, शिक्षा विभाग भी कार्रवाई करने से बचती दिखती है. शिक्षा विभाग नियमों पर गौर करें तो व्यवसायिक गतिविधि में आने वाले कोचिंग संस्थान जिनको नंदग्राम स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से मान्यता लेने की जरूरत है.
फायर एनओसी से लेकर जीएसटी व अन्य नियम-कानूनों का पालन जरूरी है. लेकिन पॉश से लेकर गली-मुहल्लों में भी अवैध तरीके से कोचिंग सेंटर खोले जा रहे हैं. सरकारी नौकरी, प्रवेश परीक्षा समेत अलग अलग परीक्षाओं की तैयारी में छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
जिन संस्थानों को रजिस्टर्ड नहीं किया गया है उनमें कई बड़े नामी कोचिंग संस्थान भी है जिनको जिला स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं हैं. बिना पंजीकरण संचालित कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इन्हें बंद करवाया जाएगा. सभी कोचिंग संस्थान पंजीकृत होने जरूरी है.
याद करिए कैसे इसी साल जुलाई में दिल्ली में एक कोचिंग संस्थान में भयानक हादसा हुआ जब बेसमेंट में पानी भरने से डूबकर छात्रों की जान चली गई.
तभी कोचिंग संस्थानों के पंजीकृत होने की संख्या भी इतनी ही थी. ऐसे में साफ पता चलता है कि हादसों से सबक नहीं लिया गया. तब शिक्षा विभाग ने अभियान चलाकर एक्शन लेने की बात कही थी.