olympic sports park: यूपी को बड़ी सौगात मिली है. यमुना प्राधिकरण के मास्टरप्लान-2041 को दिसंबर में प्रदेश कैबिनेट से मिली मंजूरी के बाद एक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत होने जा रही है. प्राधिकरण 'ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क' के निर्माण की तैयारी में जुट गया है...
आने वाले समय में गौतमबुद्धनगर बैंगलोर-मुंबई को भी टक्कर देता दिखाई देगा. नई टाउन सिटी, रैपिड मेट्रो, एयरपोर्ट समेत बहुत सी उपलब्धियां है जो अपनी कहानी खुद बयां करती हैं. अब इस कड़ी में एक और इजाफा होने जा रहा है.
यूपी सरकार प्रदेश को विकास के नए आयाम की तरफ ले जाने में तेजी से तत्पर है. सड़क परियोजनाओं से लेकर खेल जगत में काम कर रही है. इसी कड़ी में यूपी को बड़ी सौगात मिली है.
प्राधिकरण 'ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क' के निर्माण की तैयारी में जुट गया है.यमुना प्राधिकरण (यीडा) के मास्टरप्लान-2041 को दिसंबर में प्रदेश कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ओलंपिक पार्क बनाने की तैयारी शुरू हो गई है.226 गांवों की जमीन अधिग्रहित होगी
यह स्पोर्ट्स पार्क क्षेत्र के सेक्टर-22F और सेक्टर-23B में बनाया जाएगा. इस पार्क को ऐसे विकसित किया जाएगा, जिसमें ओलंपिक गेम्स आसानी से हो सकेंगे. यहां पर हर प्रकार के गेम्स हुआ करेंगे.
यह विशाल स्पोर्ट्स पार्क 52.4 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा. इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजनों के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
इस महत्वाकांक्षी परियोजना में एक ओलंपिक विलेज का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिसमें 5,000 फ्लैट बनाए जाएंगे. इन फ्लैट्स में 1 बीएचके, 2 बीएचके और 3 बीएचके के आवास होंगे. इनका इस्तेमाल गेम्स के दौरान आने वाले खिलाड़ियों, अधिकारियों और अन्य लोगों के लिए किया जाएगा।
इसी के साथ लग्जरी रूम्स भी आसपास बनाए जाएंगे, जिसमें खिलाड़ी रह सकेंगे. ओलंपिक गेम्स जैसी सुविधाएं भी यहां पर मिलेंगी. यहां ओलंपिक मानकों के अनुरूप स्टेडियम की सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
एनसीआर में ओलंपिक गेम्स कराने के लिए अभी संसाधनों की कमी है. यही वजह से कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं के साथ विकसित हो रही यीडा सिटी में ओलंपिक सिटी स्थापित करने का फैसला लिया गया है, ताकि भविष्य में ओलंपिक गेम्स कराने का मौका मिले तो इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर मिले.इनमें ओलंपिक गेम्स के लिए अप्रूव्ड हर एक प्रकार के गेम्स के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित किए जाएंगे.
गौतमबुद्ध नगर के 131 और बुलंदशहर के 95 गांव से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इन दोनों जिलों के 226 गांव को मिलाकर मास्टरप्लान-2041 तैयार किया गया है. यमुना प्राधिकरण का नया शहर 796 वर्ग किलोमीटर जमीन पर बसेगा. इससे पहले इस मास्टरप्लान में 171 गांव जोड़े गए थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ा दी है. अब यमुना प्राधिकरण का नया शहर 226 गांव पर बसेगा. इस शहर के बसने के बाद यहां के गांवों का विकास होगा. जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और गांव के विकास में उनका योगदान होगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.