अयोध्या धाम में सरयू नदी के बीचों-बीच 75 एकड़ भूमि पर 100 करोड़ की लागत से नीलमय 'पंचवटी द्वीप' का निर्माण किया जा रहा है. यहां रामायण कालीन मूर्तियां, म्यूरल और श्रीरामचरितमानस के खंडों का ऑडियो-विजुअल प्रस्तुतीकरण होगा.
श्रद्धालुओं और रामभक्तों के लिए द्वीप पर टेंट सिटी बनाई जाएगी. यह क्षेत्र 5-स्टार जैसी आवासीय सुविधाओं से सुसज्जित होगा, जिसमें भव्यता के साथ आध्यात्मिक माहौल मिलेगा.
पंचवटी द्वीप में रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जो रामकथा के महत्व को दर्शाएगी और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी.
अयोध्या में छह प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं, जिनके नाम रामायण के पात्रों के नाम पर रखे गए हैं. ये द्वार अयोध्या के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को दर्शाएंगे.
अयोध्या में फोरलेन रामपथ, जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ मार्गों का निर्माण पूरा हो चुका है. ये मार्ग श्रद्धालुओं को मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों तक सहजता से पहुंचाएंगे.
सरयू नदी के घाटों और पुराने मठ-मंदिरों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इससे घाटों का धार्मिक और पर्यटन महत्व और बढ़ जाएगा.
पंचवटी द्वीप पर जैविक खेती का प्रदर्शन और आयुर्वेदिक पौधों की खेती की जाएगी. यह पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक जीवनशैली को प्रोत्साहित करेगा.
योग और निरोग अभ्यास के माध्यम से श्रद्धालुओं को शारीरिक और मानसिक शांति प्रदान की जाएगी. जिससे आधुनिक जीवनशैली में संतुलन स्थापित करने में सहायता मिलेगी.
ओडीओपी उत्पादों की बिक्री, राम कथा का प्रस्तुतीकरण, नौकायन, पावर बोट की सुविधा और शाकाहारी भोजन के विकल्प उपलब्ध होंगे. ये सभी सुविधाएं अयोध्या को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन केंद्र बनाएंगी.
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