रणथंभौर टाइगर रिजर्व

बाघों की अठखेलियों को लेकर विश्व पटल पर खास पहचान सवाई माधोपुर स्थित टाईगर रिजर्व की है.

Zee Rajasthan Web Team
Nov 27, 2024

राजस्थान न्यूज

लेकिन यहां बाघों के अलावा एक ओर ऐसा शिकारी वन्यजीव पाया जाता है जो शिकार करने के मामले में किसी भी तरह बाघों से कमतर नहीं माना जाता.

कैरेकल वन्य जीव

यह दुर्लभ वन्यजीव कोई और नहीं बल्कि एक जंगली बिल्ली है, जिसे कैरेकल के नाम से जाना जाता है.

सियागोश वन्य जीव

कैरेकल को हिन्दी में सियागोश भी कहते हैं, कैरेकल यानी सियागोश दुनिया के सबसे दुर्लभ जंगली वन्यजीवों में शामिल है और विलुप्त होने की कगार पर है.

सवाईमाधोपुर टाइगर रिजर्व

रणथंभौर और उसके आसपास के इलाके में कैरेकल की संख्या तकरीबन 30 से 35 बताई जाती है.

कैरेकल/सियागोश वन्य जीव

कैरेकल को राजस्थान में संरक्षण की आवश्यकता है.

दुर्लभ वन्यजीव

कैरेकल यानी सियागोश राजस्थान के रणथम्भौर एवं इसके आस पास के करौली और धौलपुर के कुछ इलाकों में भी पाया जाता है.

30 से 35 संख्या

राजस्थान के रणथंभौर ,धौलपुर और करौली के अलावा यह दुर्लभ वन्यजीव देश के गुजरात के कच्छ व मध्यप्रदेश के कुछ इलाके में भी पाया जाता है.

कैरेकल वन्यजीव के बारे में

रणथम्भौर में कैरेकल यानी सियागोश कि संख्या तकरीबन 30 से 35 है.

कैरेकल यानी सियागोश मध्यम आकार की एक शिकारी जंगली बिल्ली है. इसकी ऊंची छलांग लगाने की क्षमता काफी अधिक होती है.

सियागोश के बारे में

कैरेकल यानी सियागोश एक शिकारी जंगली बिल्ली है को कलाबाजी करते हुए उड़ते पक्षियों का शिकार करने की अद्भुत क्षमता के कारण जाना जाता है.

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