मृत मां को न्याय दिलाने के लिए दर-बदर भटक रहे बच्चे, अधिकारी दे रहे तारीख पर तारीख
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मृत मां को न्याय दिलाने के लिए दर-बदर भटक रहे बच्चे, अधिकारी दे रहे तारीख पर तारीख

मीला की हत्या के बाद बेसहारा हुए उसके बच्चें अपने मां के कातिलों को सजा दिलाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. 

मृत मां को न्याय दिलाने के लिए भटक रहे बच्चे

Kherwara: उदयपुर के बावलवाडा थाना क्षेत्र में करीब सात माह पहले हुई विधवा रमीला की हत्या के आरोपी अब तक गिरफ्तार नहीं हुए है. रमीला की हत्या के बाद बेसहारा हुए उसके बच्चें अपने मां के कातिलों को सजा दिलाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. आईजी से लेकर थानाधिकारी तक कई बार रमीला के बेटे अपनी मां के हत्यारों को गिरफ्तार करने की कई बार गुहार लगा चूके हैं. सात माह बाद भी न्याय नहीं मिलने से अब उनकी हिम्मत भी खत्म होने लगी है.

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दरअसल बावलवाडा थाना क्षेत्र के कातरवास के निचला तलाब इलाके में रहने वाली विधवा रमीला की 31 अक्टूबर 2021 की रात को करीब 3 बजे घर में पानी पिने के बहाने से घुसे बदमाशों धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी. घटना के बाद से ही आरोपी फरार हैं, जिनका अभितक कोई सुराग हाथ नहीं लगा. रमीला के पति की 16 साल पहले मौत हो गई. 

वहीं अब उसकी मौत के बाद रमीला के बच्चें अनाथ हो गए. ऐसे में अब वे मजदूरी कर अपना पालन पोषण कर रहे हैं. साथ ही अपने मां के हत्यारों को गिरफ्तार करने की गुहार लगाते हुए पुलिस अधिकारियों को गुहार लगा रहे हैं. मृतका के बच्चों का कहना है कि सात माह में आईजी, एसपी सहीत तमाम अधिकारियों के पास पहुंच कर अपनी मां के कातिलों को पकड़ने की गुहार लगा चूके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक उनका सुराग नहीं जुटा पाई है अनाथ बच्चों की परेशानी उस सयम और बढ़ गई. पिछले कुछ समय से अज्ञात लोग रात्रि के समय उनके घर पर पत्थर फैंक कर फरार हो जाते हैं. 

यही नहीं आस पास में रहने वाले लोगों से भी उन्हे धमकियां मिल रही है. ऐसे में अनाथ बच्चों का कोई सहायता करने वाला नहीं है. न्याय नहीं मिलने से हताश हो कर रमीला का एक बेटा रोजगार की तलाश में गुजरात पलायन कर चुका है और एक भाई और बहन मजदुरी कर अपना गुजर बसर कर रहे हैं. रमीला के बच्चों के सामने आर्थिक संकट भी गहरा गया है. 

बच्चों का कहना है कि बचपन में पिताजी का शाया उठ गया ऐसे में हमारी मां ने हमको बढ़ी मुश्किल से मेहनत मजदूरी कर पाला जिससे हमको कभी कहीं आने जाने की जरूरत नहीं पड़ी. ऐसे में मां की हत्या होने के बाद हम बड़ी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. हम रोज आला अधिकारियों के दरवाजे खटखटा कर थक चुके हैं, ऐसे में हमारा साथ देने के लिए कोई तैयार नहीं है. 

मृतका का एक भाई है जिसने मृतका के बच्चों के साथ दिन रात दौड़ रहा है उनका भी कहना है कि मेरी भी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है. जो कुछ भी था मेने मेरी मृतका बहिन रमीला के पिछे खो दिया है. अब और कहीं जाने की हिम्मत नहीं है क्यूंकि ऐसे में परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट भी गहराता जा रहा है. इतनी परेशानियों का सामना करने वाले बच्चें पुलिस अधिकारियों से बस एक ही गुजार लगा रहे है कि किसी भी तरह से उनके मां के हत्यारों को गिरफ्तार कर सजा दिलाए.

Reporter: Avinash Jagnawat

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