राजस्थानी खानों में से प्रसिध्द एक व्यंजन मोहन मास है. मोहन मांस एक मांनसहारी व्यंजन है.
मोहन मास को राजाओं का भोजन भी कहा जाता है. इसे मसालों के साथ दूध में बवाया जाता है,इसमें मसालों कि मात्रा थोड़ी हल्कि होती है.
इसमे दूध का इसतेमास सिर्फ मांस को रसदार व कोमल बनाने के लिए होता है. मोहन मांस में दालचीनी और खड़े मसाले के साथ तेज पत्ता इसे और स्वादिष्ट बनाता है.
मोहन मांस कि ग्रेवी बहोत गाढ़ी, समृद्ध के साथ- साथ स्वादिष्ट बनती है. इस खास ग्रेवी बनाने के लिए नींबू, खस-खस , इलायची आदि सामग्रिय मिलाया जाता है.
मोहन मांस को पकाने के बाद यादगार व सुंदर स्वाद आता है. जिसे काफी समय तक भुला नहीं जा सकता.साथ ही इसे शाही दावतों के समय बनाया जाता है.
इसमें मुर्गा या बकरी,मूँगफली का तेल,देशी घी,दालचीनी के टुकड़े,काली इलाइची,लौंग,धनिये के बीज,सूखी साबुत लाल मिर्च,काली मिर्च के दाने,शाही जीरा,अदरक,नमक.तरबूज के बीज,दही,नारियल,लहसुन लौंग,धनिया,अफीम के बीज,हरी मिर्च,प्याज,केवड़ा जल