Bhaidooj 2023 : आज भाई का तिलक करने के लिए 39 मिनट होंगे आपके पास, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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Bhaidooj 2023 : आज भाई का तिलक करने के लिए 39 मिनट होंगे आपके पास, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Bhaidooj 2023 : भैया दूज के बारे में स्कंदपुराण में कहा गया है कि जो भी इस दिन यमराज की विधि-विधान से पूजा करता है, उसे मनोवांछित फल मिलता है और उसे मृत्यु का भय नहीं रहता। इतना ही नहीं, ऐसे कई खास काम हैं जिन्हें भाई दूज के दिन पूरा करना लाभकारी माना जाता है. आज कब भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त है चलिए आपको बताते हैं.

Bhaidooj 2023 : आज भाई का तिलक करने के लिए 39 मिनट होंगे आपके पास, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Bhaidooj 2023 : भैया दूज के बारे में स्कंदपुराण में कहा गया है कि जो भी इस दिन यमराज की विधि-विधान से पूजा करता है, उसे मनोवांछित फल मिलता है और उसे मृत्यु का भय नहीं रहता। इतना ही नहीं, ऐसे कई खास काम हैं जिन्हें भाई दूज के दिन पूरा करना लाभकारी माना जाता है. आज कब भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त है चलिए आपको बताते हैं.

भाई दूज तिथि: 15 नवंबर 2023, बुधवार
द्वितीया तिथि समाप्त: 15 नवंबर 2023 दोपहर 01:49 बजे तक

आपको बता दें कि द्वितीया तिथि का आरंभ: 14 नवंबर 2023 दोपहर 02:38 बजे  से शुरू हुई थी इसलिए कई लोगों ने इस दिन भी भाईदूज पर्व मना लिया है. वहीं आज जो बहने अपने भाईयों को तिलक करने वाली हैं, उनके लिए सबसे शुभ मुहुर्त सिर्फ 39 मिनट का है.

भाई दूज तिलक शुभ मुहूर्त
तिलक का समय: दोपहर 01:09 बजे से 01:49 बजे तक
अवधि: 39 मिनट

भाईदूज पर यमुना स्नान का महत्व
 पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान यम ने अपनी बहन के आदर-सत्कार से प्रसन्न होकर यमुना जी को वरदान दिया कि भाई दूज के पर्व पर जो भी भाई-बहन यमुना जी में स्नान करेंगे, उन्हें अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा और न ही मुझसे. यही कारण है कि इस दिन जो भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करते हैं उन्हें सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है और उनके जीवन से सभी प्रकार की चिंताएं दूर हो जाती हैं। उन्हें अकाल मृत्यु से भी मुक्ति मिलती है.

भाईदूज पर क्या करें
भाई दूज के शुभ अवसर पर बहनों को सबसे पहले अपने भाई के तिलक के लिए आरती की थाली तैयार करनी चाहिए.
इस थाली में पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे चंदन, सिन्दूर, कुमकुम, फल, फूल, सुपारी, नारियल और मिठाई रखें.
भाई को तिलक लगाने से पहले चावल के मिश्रण से चौक बनाएं.
इस चावल के चौक पर भाई को बैठाएं और उचित समय पर बहनें अपने भाई को तिलक लगाएं.
तिलक करने के बाद भाई को पान, सुपारी, बताशा और फूल आदि अर्पित करें और उनकी आरती उतारने से पहले उन्हें मिठाई खिलाएं.
इसके बाद, बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और भाई उनकी रक्षा करने की कसम खाते हैं.

भाईदूज पर ये ना करें
भाई को तिलक लगाने से पहले बहन को कुछ भी नहीं खाना चाहिए. दूसरे शब्दों में कहें तो जब तक आप अपने भाई को तिलक न लगा लें तब तक आपको पानी पीने से परहेज करना चाहिए.
भाई दूज पर अपने भाई के तिलक के लिए दिशा का चयन न करें. याद रखें कि भाई का मुख उत्तर या उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए, जबकि बहन का मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व में होना चाहिए.
इस त्योहार पर भाई को अपनी बहन से झूठ बोलने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से धर्मराज नाराज हो सकते हैं.
भैया दूज के दिन भाइयों को घर पर खाना खाने से बचना चाहिए. यदि बहन विवाहित हो तो उसके घर जाकर भोजन करें; यदि यह संभव न हो तो गाय के पास बैठकर ही भोजन करें.
भाई दूज के दिन मांसाहारी भोजन, नशीले पदार्थों आदि का सेवन करने से बचना चाहिए.
(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है)

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