Rajasthan Crime: जोधपुर में बिजनेस पार्टनर के बेटा-बेटी का मर्डर करने वाले आरोपी को 12 घंटे में गिरफ्तार किया. आरोपी को बच्चे दादा कहते थे. पुलिस को शक ना हो इसलिए सुसाइड नोट भी लिखा.
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Rajasthan Crime: राजस्थान के जोधपुर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. पुलिस ने बिजनेस पार्टनर के बेटा-बेटी का मर्डर करने वाले आरोपी को 12 घंटे में गिरफ्तार किया, जो 20 साल से जोधपुर में अपनी पहचान छुपाकर रह रहा था.
आरोपी को बच्चे दादा कहते थे. वारदात वाले दिन आरोपी बच्चों को स्कूल ले जाने के बहाने साथ लेकर गया. वहीं, उसके बाद सिर पर रॉड मारकर बेहोश कर बच्चों को पंखे से लटका दिया और वहां से भाग गया. साथ ही पुलिस को शक ना हो इसलिए सुसाइड नोट भी लिखा.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, तमन्ना उर्फ तन्नु (12) और उसके भाई शिवपाल (8) पुत्र प्रदीप पाल के मर्डर के मामले में राजसमंद से मुकुंद थानवी (62) पुत्र किस्तूरचंद थानवी को गिरफ्तार किया गया. आरोपी श्याम सिंह भाटी बनकर रह रहा था. वहीं, फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाया और प्रदीप पाल के साथ मिलकर चूड़ी बनाने का कारखाना खोला था.
वहीं, पूछताछ में पता चला कि आरोपी के पिता प्रिंसिपल रह चुके थे. जांच के दौरान सामने आया कि मुकुंद ने मर्डर से पहले बच्चों से कहा कि तुम्हारे पिता की गद्दारी के कराण तुम्हें मार रहा हूं. प्रदीप पाल और मुकुंद थानवी के बीच झगड़ा होने के बाद भी वह घर आता रहता था.
मिली जानकारी के अनुसार, बीते शुक्रवार को आरोपी मुकुंद, सुबह प्रदीप पाल के घर आया था और दोनों बच्चों को स्कूल छोड़ने के बहाने साथ ले गया. वहीं, उसके बाद शनिवार शाम तक नहीं लौटा. ऐसे में प्रदीप पाल ने बोरानाडा थाने में मामला दर्ज करवाया, जिसमें प्रदीप श्याम सिंह भाटी का नाम लिखवाया.
वहीं, पुलिस से पूछताछ और जांच की तो दोनों बच्चों के शव पंखे से लटके मिले. साथ ही सुसाइड नोट भी मिला. पूछताछ में श्याम सिंह उर्फ मुकुंद ने व्यापार में घाटा होने और उसका बदला लेने के लिए बच्चों की मर्डर करना कबूल किया.
तलाश में पुलिस पहले पाली पहुंची, उसके बाद आरोपी राजसमंद फरार हो गया, जहां से गिरफ्तार हुआ. आरोपी ने फर्जी डॉक्युमेंट्स भी बनवा रखे थे.
जानकारी के अनुसार, पिछले 20 साल से मुकुंद थानवी नाम बदलकर श्याम सिंह भाटी पुत्र किशोर सिंह भाटी बनकर बोरानाडा में रह रहा था. उसने यहां फर्जी आधार, पैन कार्ड और बैंक खाता भी खुलवाया. ऐसे में उसकी मुलाकात प्रदीप पाल से हुई और दोनों ने चूड़ी का कारखाना शुरू किया. वहीं, 25 दिन पहले दोनों के बीच रुपयों को लेकर लड़ाई हो गई. इसी के चलते मुकुंद ने तमन्ना और शिवपाल का मर्डर कर दिया.