Rajasthan JLF: हिंदू-मुस्लिम को लेकर जावेद अख्तर ने कह दी बड़ी बात, युवाओं को दिए ये सलाह
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Rajasthan JLF: हिंदू-मुस्लिम को लेकर जावेद अख्तर ने कह दी बड़ी बात, युवाओं को दिए ये सलाह

Rajasthan JLF: जयपुर में दुनियाभर में पहचान बना चुके जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) का आगाज गुरुवार 30 जनवरी से हुआ. फेस्टिवल के पहले दिन पहुंचे हिंदी सिनेमा के मशहूर गीतकार व साहित्यकार-गीतकार जावेद अख्तर की नई किताब "सीपियां" का विमोचन सुधामूर्ति ने किया.

 

Javed Akhtar

Rajasthan JLF: राजस्थान के जयपुर में दुनियाभर में पहचान बना चुके जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) का आगाज गुरुवार 30 जनवरी से हुआ. पांच दिवसीय ये जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 3 फरवरी तक होटल क्लार्क्स आमेर में आयोजित किया जाएगा. आज से JLF का 18वां एडिशन शुरू हो गया है. 

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फेस्टिवल के पहले दिन पहुंचे हिंदी सिनेमा के मशहूर गीतकार व साहित्यकार-गीतकार जावेद अख्तर की नई किताब "सीपियां" का विमोचन सुधामूर्ति ने किया. इस दौरान जावेद अख्तर ने ज्ञान सीपियां सेशन में मातृभाषा पर जोर दिया है. जावेद अख्तर ने युवा पीढ़ी को अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी से नाता रखने की सलाह दी. इस दौरान जावेद अख्तर ने कवि और कविता से जुड़ा हिंदू-मुस्लिम पर व्यंगात्मक जवाब दिया.

मातृभाषा से भी जुड़े रहना चाहिए

JLF कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने अपनी नई किताब "सीपियां" का विमोचन किया. ये किताब दोहों पर आधारित है और सुधामूर्ति ने इसका विमोचन करते हुए कहा कि आज की पीढ़ी को अंग्रेजी से नाता रखना चाहिए पर अपनी मातृभाषा से भी जुड़े रहना जरूरी है. अगर आप अपनी मातृभाषा से नहीं जुड़े हैं, तो यह मान लीजिए कि आपने पेड़ को तना और साखें तो दे दी है, लेकिन जड़ों से उसको वंचित  रख दिया है.

दरअसल कार्यक्रम के दौरान गीतांजलिश्री मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने राम रहीम दास के एक बहुत पुराने दोहे का जिक्र किया. जावेद अख्तर ने कहा कि साढ़े पांच सौ साल पहले का दोहा है, लेकिन ये हम सबके जीवन का रहनुमा है. "रहिमन मुश्किल आ पड़ी, टेढ़े दोऊ काम... सीधे से जग न मिले, उलटे मिले न राम" इस दौरान साथ बैठे अभिनेता अतुल तिवारी, जो कि जावेद अख्तर के पुराने मित्र भी हैं. 

उन्होंने हौसला अफ़ज़ाई करते हुए बीच में बोलते हुए कहा कि राम की बात एक मुस्लिम कवि कह रहा है. ये बड़ी बात है. इस पर जावेद अख्तर ने भी हंसते हुए जवाब दिया कि भाई कवि, कवि होता है. बेचारे जो शायरी नहीं कर पाते वो लोग हिंदू-मुसलमान होते हैं. जावेद के इस अंदाज पर पूरी महफिल ठहाकों से गूंज उठी. उन्होंने कहा कि कविता तो प्यार की भाषा है.

खुद पर भरोसा नहीं तो दूसरे की तारीफ मुश्किल

कार्यक्रम के दौरान अकबर और रहमान पर भी चर्चा चलती रही. तभी एक कवि को दूसरे कवि की तारीफ करने पर ऐतराज की बात पर जावेद अख्तर ने कहा कि जिसको अपने ही होने पर शक है, वो दूसरे की क्या तारीफ करेगा. 

जावेद अख्तर ने कहा कि तारीफ वह कर सकता है, जिसके मन में शांति है, जिनको खुद पर भरोसा है, जिनको खुद पर भरोसा नहीं वह दूसरे की तारीफ नहीं कर सकता. JLF का ये 18वां एडिशन है और इस साल दुनियाभर से इसमें 600 स्पीकर्स शामिल हो रहे हैं. इस साहित्यिक मंच पर कई लेखकों की बुक भी लॉन्च होगी.

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