Jaipur News: पिंकसिटी जयपुर में तीज की शाही सवारी शाही ठाठ बाठ से विभिन्न मार्गों से होते हुए निकाली जाएगी. तीज की सवारी को लेकर पर्यटन विभाग इस बार नवाचार के साथ तैयारियां शुरू की. पर्यटन मंत्री दिया कुमारी के निर्देश पर तीज की शाही सवारी इस बार देश—दुनिया देखे. मंत्री के निर्देश पर पर्यटन विभाग सोशल प्लेटफॉर्म के साथ पर्यटन स्थलों और सार्वजनिक जगहों पर लाइव टेलीकास्ट करने की तैयारियां की.
पर्यटन मंत्री दिया कुमारी ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को बैठक कर तीज की सवारी को ओर अच्छे से निकालने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक राकेश शर्मा ने बताया कि इस बार जयपुर की तीज की सवारी पर्यटन स्थलों और सार्वजनिक जगहों पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से तीज की सवारी को लाइव दिखाया जाएगा. तीज की सवारी निकलने से पहले लाइव स्क्रीन के पास राजस्थानी लोक कलाकारों द्वारा लोकरंग की छटा बिखेरेंगे. सोशल मीडिया के माध्यम से देश—दुनिया में बैठे लोग भी जयपुर की तीज की शाही सवारी देख सकेंगे.
पर्यटन मंत्री दिया कुमारी के दिशा निर्देश पर पर्यटन विभाग तीज की सवारी की तैयारियों में जुटा. जयपुर पर्यटन विभाग के उप निदेशक उपेंद्रसिंह शेखावत ने बताया कि पर्यटन विभाग इस बार नवाचारों के साथ जनानी ड्योढ़ी से 7 और 8 अगस्त को परंपरागत शाही लवाजमे के साथ तीज की सवारी निकाली जाएगी. इस बार ड्रॉन के माध्यम से तीज की सवारी पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया जाएगा.
इस बार तीज की सवारी के शाही ठाठ बाठ के साथ लोक कलाकारों की संख्या बढ़ाई जा रही है, जो कि लोकरंग की छटा बिखेरते हुए चलेंगे. तीज की सवारी को लाइव दिखाने के लिए बडी चौपड हवामहल, अल्बर्ट हॉल, पौण्डरिंग उद्यान, त्रिपोलिया गेट पर लाइव स्क्रीन से दिखाया जाएगा. सवारी त्रिपोलिया गेट से निकलकर त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंची. तीज की सवारी के दौरान 150 कलाकार राजस्थानी लोक नृत्यों की प्रस्तुति देंगे. इस बार सवारी से पहले ही छोटी चौपड़ और तालकटोरे की पाल लोक नृत्य शुरू हो जाएंगे. पर्यटन विभाग की तैयारी के अनुसार छोटी चौपड़ पर कलाकार घूमर और चरी नृत्य की प्रस्तुति देंगे, वहीं तालकटोरा पर कच्ची घोड़ी नृत्य के साथ बैंडवादन करेंगे.
तीज की सवारी में राजस्थानी लोक कलाकार कालबेलिया नृत्य, कच्छी घोड़ी नृत्य, घूमर नृत्य, चरी और गैर नृत्य करते हुए आगे बढ़ेंगे. वहीं मशक वादन और भपंग वादन के साथ शहनाई वादन भी सुनाई देगा. रोबीले उंट व घुड़सवार के साथ उंट, निशान हाथी, घोड़े आदि का लवाजमा भी सवारी में देखने को मिलेंगे.
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