Maa Bhawali Temple Miracles : राजस्थान के उस मंदिर के दर्शन जहां मां दुर्गा को शराब का भोग लगाया जाता है. चांदी के प्याला मां भवाली के होठों तक लेकर पुजारी जाते हैं और इस दौरान आंखे बंद रखी जाती है और प्याले में एक बूंद भी शराब नहीं बचती है.
स्थानीय लोग मानते हैं कि जो भी भक्त मंदिर में 3 बार ढाई प्याला शराब चढ़ाता है, तो उसकी सभी मनाकामनाएं पूरी हो जाती है. पहले पुजारी चांदी का ढाई प्याला भरता है. इसके बाद वो इस प्याले को देवी के होठों तक लेकर जाता है. इस वक्त देवी के मुख की ओर देखना वर्जित है. माता अपने भक्त से प्रसन्न होकर तुरंत ही वह मदिरा स्वीकार कर लेती हैं. प्याले में एक बूंद भी बाकी नहीं रहती.
कहा जाता है कि मंदिर में शराब किसी नशे या अपमान के रूप में नहीं बल्कि प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है ऐसा माना जाता है कि लोगों को मानना है कि ढाई प्याला शराब मां काली ग्रहण करती है. यहां चांदी के प्याले में शराब भाकर देवी को भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करते ही शराब गायब हो जाती है. ये प्रथा दिन में लगभग 3 बार की जाती है. साथ ही बचे हुए प्याले की शराब को भैरव पर चढ़ाया जाता है
माना जाता है कि मंदिर का निर्माण डाकुओं ने करवाया था. मंदिर के शिलालेख में इसके निर्माण का समयकाल सन 1380 लिखा है. मंदिर निर्माण के दौरान ही डाकुओं ने मंदिर के नीचे और ऊपर गुप्त रूम भी बनवाया था. और मां भंवाली की सुंदर प्रतिमा स्थापित की थी. ये भी माना जाता है कि मां भंवाल काली माता का मंदिर, एक पेड़ के नीचे से देवी स्वयं प्रकट हुई थी और इसी के बाद डाकुओं ने निर्माण करवाया था.
राजस्थान के नागौर के में मां भंवाल काली माता का मंदिर हैं. जहां शराब चढ़ाई जाती है. नागौर में बेहद पवित्र और लोकप्रिय इस मंदिर में हमेशा भक्तों को भीड़ लगी रहती है. खासतौर पर नवरात्र पर यहां मां भंवाली के दर्शन को दूर दूर से लोग पहुंचते हैं.
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