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Jaipur News: सहकारिता विभाग में अब अफसरों की मनमानी पर राज्य सरकार शिकंजा कसने जा रही है.झूठी रिपोर्ट भेजने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.बिना सत्यापित झूठी रिपोर्ट भेजने वाले अफसरों पर गाज गिरेगी.आखिर राज्य सरकार धारा 55 और 57 की जांच में क्यों गंभीरता बरत रही है,देखे इस खास रिपोर्ट में!
झूठी रिपोर्ट भेजने वालों पर शिकंजा-
अफसरों की झूठी रिपोर्ट और उनकी मनमानी सहकारिता विभाग में काम नहीं आएगी.क्योंकि ऐसे में प्रकरणों में राज्य सरकार ने गंभीरता बरतते हुए कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए है.अफसरों की मनमानी पर सहकारिता विभाग शिकंजा कसने जा रहा है.धारा 55 और 57 की जांच में कई शिकायते सामने आई है कि अफसरों ने बिना सत्यापित झूठी रिपोर्ट बनाकर उच्च अफसरों को भेजी.लेकिन अब झूठ बोलने वाले अफसरों के खिलाफ राज्य सरकार सख्ती से पेश आते हुए कार्रवाई करेगी.क्योंकि पिछले कई दिनों ऐसी झूठी रिपोर्ट की शिकायते सामने आई है.सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने भी साफ निर्देश दिए है कि ऐसे अफसरों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.झूठी रिपोर्ट भेजने वाले अफसरों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.जांच परिणामों में नियमों और गुणवत्ता की अनदेखी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी.
ऑडिट रिपोर्ट नहीं भेजने वाली सोसायटियों पर भी कार्रवाई-
वहीं दूसरी तरफ ऑडिट रिपोर्ट नहीं देने वाली सोसायटियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.सहकारी कानून के तहत यह प्रत्येक सोसायटी के प्रबंधन और कार्मिको के लिये बाध्यकारी है कि वे ऑडिटर को अपेक्षित पुस्तकें, रिकार्ड और जानकारी उपलब्ध करावें.जिन सोसायटियों का ऑडिट रिकार्ड और सूचनाओं के अभाव में नहीं हो पाया है,ऐसे प्रकरणों में तत्काल सहकारी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.प्रदेश में 23 हजार से अधिक सोसायटियों का ऑडिट करवाया जा रहा है और अबतक 14500 से अधिक सोसायटियों का ऑडिट पूर्ण हो चुका है.करीब 16 प्रतिशत सोसायटियों की ऑडिट बाकी है.
झूठ और मनमानी नहीं चलेगी-
जिन सहकारी सोसायटियों में अनियमितता सबंधी प्रकरण सामने आते है और उनकी जांच सहकारी कानून के तहत धारा 55 या 57 के तहत करवाई जा रही है,लेकिन अब अधिकारियों की झूठी और मनमानी रिपोर्ट नहीं चलेगी.