गहलोत का साथ छोड़ अब पायलट से नजदीकियां बढ़ा रहे हरीश चौधरी, चुनाव से पहले कांग्रेस में बदलेंगे समीकरण
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गहलोत का साथ छोड़ अब पायलट से नजदीकियां बढ़ा रहे हरीश चौधरी, चुनाव से पहले कांग्रेस में बदलेंगे समीकरण

Sachin Pilot Harish Choudhary : सियासी संकट के वक्त गहलोत के साथ खड़े रहने वाले बायतु विधायक हरीश चौधरी ने अब उनसे दूरियां बना ली है. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बंगले पर हरीश चौधरी के बीच मुलाकात हुई.

गहलोत का साथ छोड़ अब पायलट से नजदीकियां बढ़ा रहे हरीश चौधरी, चुनाव से पहले कांग्रेस में बदलेंगे समीकरण

Sachin Pilot Harish Choudhary : राजस्थान में चुनाव से पहले सियासी समीकरण बदलते दिखाई दे रहे हैं. खास कर कांग्रेस की बात की जाए तो यहां सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट में अब सियासी समीकरण बदल रहे हैं. गहलोत विरोधी गुट अब एकजुट होता दिखाई दे रहा है. सियासी संकट के वक्त गहलोत के साथ खड़े रहने वाले बायतु विधायक हरीश चौधरी ने अब उनसे दूरियां बना ली है. साथ ही पिछले दिनों हुई एक सियासी मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी हुई है. 

दरअसल 25 जनवरी को जयपुर के सिविल लाइन्स पर स्थित पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बंगले पर हरीश चौधरी पहुंचे. जहां दोनों नेताओं के बीच लंबी चर्चा चली. कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले कांग्रेस में एंटी गहलोत नेता एकजुट हो रहे हैं. इसी कड़ी में इस मुलाकात को जोड़ कर देखा जा रहा है. 

हरीश का पश्चिमी राजस्थान में प्रभाव
सचिन पायलट का पूर्वी राजस्थान में अच्छा होल्ड माना जाता है. जबकि पिछले कुछ  सालों में हरीश चौधरी ने पश्चिमी राजस्थान में पकड़ बनाई है. ऐसे में दोनों नेता अगर एकजुट होते हैं तो बड़ी रणनीति तैयार हो सकती है. फिलहाल माना जा रहा है कि आगामी कुछ दिनों में सचिन पायलट पश्चिमी राजस्थान में कई किसान सभा कर सकते हैं. ऐसे में दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात को भी इससे जोड़ा जा रहा है. 

सियासी संकट के वक्त हरीश चौधरी अशोक गहलोत के साथ खड़े नजर आए थे, लेकिन आज उनके रिश्तों में खटास आ गई है. पिछले दिनों यह खटास और बढ़ गई जब OBC आरक्षण के मुद्दे पर हरीश चौधरी ने अपनी सरकार के खिलाफ खुल कर मुखालफत की थी. यहां तक कि हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर धोखा दने का आरोप लगाया दिया था.

सियासी तौर पर दोनों नेताओं का साथ आना दोनों के लिए जरुरी भी है और सियासी तौर पर फायदेमंद भी है. चुनावी साल में टिकट वितरण से लेकर सियासी समीकरण में दोनों नेताओं की अच्छी जुगलबंदी देखने को मिल सकती है. सचिन पायलट भी एंटी गहलोत को एकजुट कर अपनी सियासी ताकत भी बढ़ा लेना चाहते हैं. 

 

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