Rajasthan: राजस्थान में बदहाल हो चुके मकान बने गले की फांस, अब इनको दिए जाएंगे किराए से, इस आय के दायरे में होना जरूरी
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Rajasthan: राजस्थान में बदहाल हो चुके मकान बने गले की फांस, अब इनको दिए जाएंगे किराए से, इस आय के दायरे में होना जरूरी

Rajasthan: राजस्थान में बने हजारों मकानों को अलग-अलग स्कीमों के तहत बने मकानों को 200 से 300 रुपए में किराए पर दिया जाएगा. जयपुर, अलवर, पाली, अजमेर समेत प्रदेश के कई शहरों में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम और राजीव गांधी पुर्नवास योजना के तहत बनाए हजारों मकान अब सरकार के लिए गले की फांस बन गए हैं. 

 

फाइल फोटो,

Rajasthan: राजस्थान में शहरों से दूर ग्रामीण अंचलों में बने ये मल्टीस्टोरी फ्लेट्स अब खंडर हो रहे हैं. इन पर हर साल रखरखाव पर लाखों रुपए निकायों को खर्च करने पड़ रहे हैं. इसे देखते हुए सरकार ने अब इन मकानों को किराए पर देने का फैसला किया है.

राज्य सरकार ने अहम फैसला लिया हैं. अब अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम और राजीव गांधी पुर्नवास योजना के तहत बनाए गए मल्टीस्टोरी फ्लेट्स को अब सस्ती दरों पर किराए पर दिया जाएगा. पिछले दिनों जयपुर जेडीए समेत प्रदेश की दूसरी शहरों की यूआईटी, विकास प्राधिकरण और निकायों ने एक प्रस्ताव बनाकर इन मकानों के निस्तारण की गाइडलाइन बनाने के लिए सरकार से मांग की थी.

इस पर उच्च स्तर पर काफी चर्चा के बाद इन मकानों को किराये पर देने का फैसला किया गया. ताकि मकानों का रखरखाव भी हो सके और उनका उपयोग भी हो सके.

 प्रदेश में जितने भी मकान खाली पड़े है उसमें आधी संख्या से ज्यादा मकान गहलोत सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में बनवाए थे. तब सरकार ने गरीब तबके के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी लांच करके आवास विकास संस्थान के जरिए प्रदेशभर में निजी विकासकर्ताओं से ये फ्लैट्स बनवाए थे. 

उस समय भी ये शहर सीमा से बहुत दूर थे, जिसके कारण इनमें आवेदन भी बहुत कम आए थे. अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी के तहत बने ईडब्ल्यूएस, एलआईजी के मकानों के अलावा गहलोत सरकार ने जयपुर में बड़ी संख्या में राजीव गांधी आवास योजना के तहत मकान बनाए थे. जवाहर नगर, कटपुतली समेत अन्य जगहों पर बड़ी संख्या कच्ची बस्तियों के सर्वेधारी परिवारों को इन मकानों में शिफ्ट करना था.

लेकिन जेडीए ये काम नहीं कर पाया. इस कारण अब ये मकान भी खाली पड़े खंडर में तब्दील हो रहे है. 

राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार जितने भी मकान प्रदेश में खाली पड़े है उसमें अधिकांश मकान जयपुर में है. जयपुर शहर और उसके आसपास 5279 से ज्यादा मकान खाली पड़े हैं. इसमें जयपुर के सीकर रोड पर आनन्द लोक में 529, स्वप्न लोक में 588, जयसिंहपुरा खोर भांकरोटा में 134, जयसिंहपुरा खोर दिल्ली रोड़ में 1752, बगराना आगरा रोड़ में 773, पिंकपर्ल अजमेर रोड़ में 27, मुकुन्दपुरा भांकरोटा में 42, रामला का बास कालवाड़ में 116, महापुरा सेज के पास 547, बगरू खुर्द ठिकरिया पर 20, बगरू खुर्द ओमेक्स सिटी पर 84, श्यामपुरा वाटिका रोड में 180 और मुहाना के आगे नेवटा में 487 मल्टी स्टेारी फ्लैट्स खाली है. 

इसके अलावा जयपुर के चाकसू में 61, दौसा शहर में 116, बालोतरा शहर में 76, अलवर शहर में 364, अजमेर शहर में 184, पाली शहर में 502, प्रतापगढ़ शहर में 129, भिवाड़ी में 104 और टोंक में 276 मकान खाली पड़े हैं. सरकार ने अब इन खाली पड़े ईडब्ल्यूएस, एलआईजी कैटेगिरी के मकानों को किराये पर देने का निर्णय किया है. इन मकानों का हर महीने का किराया 200 से 300 रुपए वसूला जाएगा.

ये मकान 3 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले आवासहीन परिवारों को किराये पर दिए जाएंगे. इसके साथ ही सरकार ने ये प्रावधान भी रखा है कि अगर कोई किरायेदार 10 साल तक मकान में रहता है तो उसे मकान की बकाया पैसा लेकर हमेशा के लिए आवंटन कर दिया जाएगा.

बहरहाल, शहर में जिन जगहों पर आवास उपलब्ध है. वहां पर सभी मुलभूत सुविधाऐं सड़क, बिजली, पानी आदि संबंधित शहरी नगर निकाय द्वारा उपलब्ध करवायी गयी है. उपभोग के अनुसार आवंटी को पानी-बिजली का बिल चुकाना होगा. आवासों को सस्ते किराए पर प्राप्त करने के लिये संबंधित नगरीय निकाय, विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास से सम्पर्कं कर ’’पहले आओ पहले पाओ’’ के आधार पर पात्र परिवारों को आवंटित किए जाने का प्रावधान रखा गया है. 

 

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