Rajasthan Politics: BJP सदस्यता अभियान में घाटोल की 'कछुवा चाल' और उदयपुर की 'खरगोश सी सरपट दौड़'
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Rajasthan Politics: BJP सदस्यता अभियान में घाटोल की 'कछुवा चाल' और उदयपुर की 'खरगोश सी सरपट दौड़'

Rajasthan Politics: BJP सदस्यता अभियान में घाटोल की 'कछुवा चाल' और उदयपुर की 'खरगोश सी सरपट दौड़ नजर आ रही है. 

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Rajasthan Politics: राजस्थान में चल रहे भाजपा के सदस्यता अभियान को लेकर आज एक बार फिर केंद्रीय नेतृत्व की ओर से समीक्षा की गई. प्रदेश भाजपा अभी टारगेट के एक तिहाई सदस्य ही बना पाई है.

हालत ये हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान प्रभारी विनोद तावड़े को सदस्यता के मामले में सबसे कमजोर दस विधानसभा क्षेत्रों तथा सबसे तेज दस विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों को नाम लेकर पुकारना पड़ा. अब सदस्यता अभियान का टारगेट हासिल करने के लिए सभी विधायकों और प्रत्याशियों को 15 अक्टूबर तक अपने क्षेत्रों में निर्देश अपने अपने क्षेत्रों रहने के निर्देश दिए हैं.

देशभर में भाजपा का सदस्यता अभियान चल रहा है.  देश में भाजपा ने 11 करोड़ तथा राजस्थान में सवा करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट लिया हुआ है.  राजस्थान में सदस्यता अभियान की धीमी गति को लेकर केंद्रीय नेतृत्व भी चिंतित है. यही कारण है कि पहले भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने जयपुर में समीक्षा की थी.

सदस्यता में दूसरे राज्यों की तुलना में राजस्थान की स्थिति कमजोर होने पर नाराजगी भी जाहिर की थी. इसके बाद आज राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी विनोद तावड़े ने वर्चुअल रूप से फिर सदस्यता अभियान की समीक्षा की. जेपी नड्डा हालांकि कुछ देर जुड़ने के बाद चले गए थे, लेकिन विनोद तावड़े ने जनप्रतिनिधियों की पूरी क्लास ले डाली.

सदस्यता में देश में डिस्टिंक्शन, राजस्थान फेल

समीक्षा की शुरुआत में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जानकारी दी कि देश में साढ़े 7 करोड़ सदस्य बन चुके हैं. इसका मतलब साफ है देश में 11 करोड़ के लक्ष्य में साढ़े 7 करोड़ से ज्यादा सदस्य बन गए.  वहीं दूसरी ओर राजस्थान भाजपा में सवा करोड़ के टारगेट के मुकाबले महज 36 लाख ही सदस्य बन पाए हैं.  इनमें भी 34 लाख ने मिसकॉल के बाद फॉर्म भरकर सदस्यता ली, वहीं 2 लाख 46 हजार ने मिस्ड कॉल कर दिया, लेकिन विभिन्न कारणों से फॉर्म नहीं भरा.  ऐसे में देखा जाए तो पासिंग मार्क्स के 33 प्रतिशत भी सदस्य नहीं बन पाए.

सबसे कमजोर, सबसे ज्यादा सदस्यता

समीक्षा के दौरान प्रदेश में सबसे ज्यादा और सबसे कम सदस्यता वाले विधानसभा क्षेत्रों का जिक्र किया गया. उन क्षेत्रों के विधायकों का बाकायदा नाम लेकर पुकारा गया. कमजोर विधानसभा क्षेत्रों में घाटोल, नोहर, संगरिया, बीकानेर देहात, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा का क्षेत्र दूदू, थानागाजी, बसेडी सहित 10 क्षेत्र हैं.

इसी तरह उदयपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा सदस्यता दिलाई है. इसके साथ ही जैसलमेर, जयपुर में आदर्श नगर और सांगानेर, अजमेर शहर उत्तर तथा अजमेर शहर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र अव्वल हैं.

15 तक विधायक अपने क्षेत्रों में रहकर बढ़ाएंगे सदस्यता

बैठक में कहा गया कि सदस्यता अभियान में 10 दिन से बचे हैं और इसे तेजगति से बढ़ाना है. इसके लिए जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी तय की गई. इसमें खासतौर पर विधायकों से कहा गया कि वो 15 अक्टूबर तक अपने अपने क्षेत्रों में रहे. अभियान के जिला और मंडल संयोजकों के साथ समन्वयक कर बूथ स्तर पर बैठकें लें. विधायक क्षेत्र में जाएगा तो लोग भी अपने आप आ जाएंगे.

मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी रिपोर्ट 

सदस्यता अभियान को लेकर विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेजने की बात कही गई. बैठक में कहा गया कि सदस्यता अभियान में विधायकों की इस रिपोर्ट को सीएम को भेज रहा हूं अब सीएम देखेंगे.

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