Dungarpur News: प्रदेश के डूंगरपुर जिले में सड़क हादसों का ग्राफ बढता ही जा रहा है. जिले में सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही के चलते लोग सड़क हादसे में काल का ग्रास बन रहे है. डूंगरपुर जिले में पिछले दो साल की बात करें तो यहां विभिन्न क्षेत्रों में 1061 सड़क दुर्घटनाएं हुई है और उनमें 524 लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा है. वही 1059 लोग घायल हुए है. हालाकि डूंगरपुर पुलिस व जिला प्रशासन विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों व सख्ती के माध्यम से इन आंकड़ो में कमी लाने के लिए प्रयास कर रही है.
Trending Photos
Rajasthan News: प्रदेश के डूंगरपुर जिले में सड़क हादसों का ग्राफ बढता ही जा रहा है. जिले में सड़क सुरक्षा के प्रति लापरवाही के चलते लोग सड़क हादसे में काल का ग्रास बन रहे है. डूंगरपुर जिले में पिछले दो साल की बात करें तो यहां विभिन्न क्षेत्रों में 1061 सड़क दुर्घटनाएं हुई है और उनमें 524 लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा है. वहीं 1059 लोग घायल हुए है. हांलाकि डूंगरपुर पुलिस व जिला प्रशासन विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों व सख्ती के माध्यम से इन आंकड़ो में कमी लाने के लिए प्रयास कर रही है .
कहने को तो आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला प्रदेश के पिछड़े जिलों की श्रेणी में आता है लेकिन सड़क हादसो में मौत की संख्या में शायद डूंगरपुर प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल है. नेशनल हाईवे से लेकर स्टेट हाईवे व ग्रामीण सभी सड़कों पर दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या बढ़ी है. डूंगरपुर जिले में वर्ष 2023 और वर्ष 2024 की बात करे डूंगरपुर जिले में 1061 सड़क हादसों में 524 लोगो की जान गई है. जिसमें वर्ष 2023 के मुकाबले वर्ष 2024 में जहा सड़क हादसे बढ़ने के साथ मौतों की संख्या में भी इजाफा हुआ है .
हाई स्पीड व हेलमेट का उपयोग नहीं करने से बढ़ रहे हादसे
डूंगरपुर एसपी मोनिका सैन ने बताया कि डूंगरपुर में सड़क दुर्घनाओं का अलग ट्रेंड है. बिछीवाड़ा से होकर गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर दुर्घटना अलग कारणो से होती है और ग्रामीण सड़को पर दुर्घनाओं के अलग कारण है. हाइवे पर तेज रफ्तार, कम विजिबिलिटी या ड्राइवर को झपकी आ जाना जैसे कारण होते है. लेकिन ग्रामीण सड़को पर आमने-सामने बाइक टकराने से मौत हो जाती है और अक्सर बाइक चालक के हेलमेट नहीं होने से सिर में चोंट लगती है. ऐसी दुर्घनाओं से निबटने के लिए लोगो को नियमित हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. एसपी ने यह भी कहा कि सड़क दुर्घनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर कुछ जगहों पर डेंजर जॉन भी घोषित किये है. सड़को पर ज्यादा मुड़ाव या आगे का दिखाई नहीं देने वाली जगह पर सूचना बोर्ड लगाए गए है. इसके अलावा भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से मिलकर भी इन ज्यादा मुड़ाव वाले जगहो को सुधारने पर जोर दिया जा रहा है.
सड़क हादसों में कमी लाने के लिए हर सम्भव् प्रयास
एसपी मोनिका सैन ने बताया कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किये जा रहे है. वर्तमान में पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा माह अभियान भी चलाया जा रहा है. जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रम व गतिविधियों के माध्यम से आमजन को यातायात नियम व सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है. स्कूलों में वत्सल वार्ता के माध्यम से भी बच्चो को ट्रैफिक नियमो के बारे में जानकारी दी जा रही ताकि अधिक से अधिक लोग ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करें और सड़क हादसों में कमी लाई जा सके.
बहराल जिले में बढ़ती दुर्घटनाओं व उनमें हो रही मौतो के आंकड़े चौकाने वाले है हालांकि इनमें कमी लाने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से प्रयास भी किए जा रहे है. लेकिन आवश्यकता है कि पुलिस व प्रशासन के साथ आमजन भी अपनी जिम्मेदारी समझें और यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाकर सुरक्षित सफर करें.
ये भी पढ़ें- Churu News: टूटी सड़कों को सही करवाने की मांग को लेकर हड़ताल, ऑटो चालक यूनियन ने...