Atal Bihari Vajpayee: 11 मई से 13 मई 1998 को जैसलमेर के पोकरण में परमाणु परीक्षण को लेकर किया गया अटल बिहारी बाजपेई का फैसला राजस्थान के लिए वरदान साबित हुआ था. अटल ही थे जिनके कारण पूरी दुनिया में हिंदुस्तान की मजूबत छबि बनीं. पोखरण को परमाणु परीक्षण के चुनने के बाद उनके साथ पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद व तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस भी जैसलमेर के दौरे पर आए थे.
1- पोखरण में परमाणु परीक्षण
11 मई - 13 मई 1998 राजस्थान के लिए आज भी यादगार तारीख हैं. इन तारीख में ही अटल बिहारी बाजपेई ने जैसलमेर के पोकरण को परमाणु परीक्षण के लिए चुना था. अटल ही थे जिनके कारण देश को परमाणु शक्ति मिली. अटल ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में कई बड़े और अहम फैसले किए थे, जिनमें से एक था परमाणु परीक्षण का फैसला. इस परीक्षण के बाद पोकरण को विश्व पटल पर परमाणु नगरी की पहचान मिली.
2- राजस्थान परमाणु बिजली घर विज्ञान का मंदिर बताया
8 मार्च 2001 को प्रधानमंत्री रहते हुए बाजपेयी राजस्थान के रावतभाटा आए थे. उन्होंने परमाणु बिजली घर की चौथी इकाई को राष्ट्र को समर्पित किया था. राजस्थान परमाणु बिजली घर को अटल बिहारी ने विज्ञान का मंदिर बताया. वहीं जब सुरक्षा कारणों से आम भाजपा कार्यकर्ता संयंत्र स्थल पर नहीं आ सके तो कार्यकर्ताओं ने परियोजना स्थल के बाहर आम सभा को आयोजित कर दिया था. अपने कार्यकर्ताओं का मान रखने के लिए उन्होंने आम सभा को वहीं पर संबोधित किया था.
3- राजस्थान से देश को दिया दूसरा एक्सप्रेस-वे
जयपुर-किशनगढ़ के बीच 6 लेन के एक्सप्रेस-वे अटल जी की देन ही है. पुणे के बाद देश का दूसरा एक्सप्रेस यही है. यह बाजपेयी जी की स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का हिस्सा था. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 23 मई 2005 को किया था. करीब 90 किमी लंबे हाईवे में 615 करोड़ रुपए की लागत लगी थी.