सिवाना: चौराहे पर स्पीड ब्रेकर का अभाव, राहगीरों को हादसे की आशंका
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सिवाना: चौराहे पर स्पीड ब्रेकर का अभाव, राहगीरों को हादसे की आशंका

Siwana News: करमावास गांव के मुख्य चौराहे पर स्पीड ब्रेकर नहीं होने के कारण हर वक्त हादसे की आशंका बनी रहती है. इसी चौराहे से दो हाईवे को जोड़ा गया है.

राहगीरों को हादसे की आशंका

Siwana: बाड़मेर जिले के करमावास गांव के मुख्य चौराहे पर स्पीड ब्रेकर नहीं होने के कारण हर वक्त हादसे की आशंका बनी रहती है. इसी चौराहे से दो हाईवे को जोड़ा गया है, जिससे दिन भर भारी भरकम वाहनों के साथ छोटे बड़े वाहनों का दिन-रात आवागमन देता है. वहीं चार रास्ते होने के कारण तेज गति से आने वाले वाहनों से हरदम हादसे की आशंका बनी रहती है. कई बार छोटी-छोटी दुर्घटनाएं भी हो चुकी है. 

हाईवे के रास्ते तेज गति से आने वाले वाहन कस्बे के अंदर प्रवेश से बाहर तक कोई स्पीड ब्रेकर नहीं होने के कारण स्पीड पर नियंत्रण नहीं रहता है. ऐसे में कोई ग्रामवासी या राहगीर दुपहिया वाहन चालक निकलता है तो बड़े वाहन की गति कम नहीं होने के कारण नियंत्रण करना संभव नहीं होता है. समदड़ी से होते हुए पाली को जाने वाला एकमात्र यही रास्ता है निजी बसों छोटे बड़े वाहनों का आवागमन सुबह शाम रहता है, इसी तरह 66 हाइवे सिवाना से बालेसर जो कार्य पूर्ण होने के साथ साफ सड़क मार्ग कम समय मे लंबी दूरी तय करने की वाहन चालकों में होड़ लगी रहती है, करमावास चौराहे से गुजरते सरपट वाहन स्पीड ब्रेकर नहीं होना ग्रामीणों और छोटे वाहन चालकों के लिए कभी भी बड़े हादसे से झनकार नहीं किया जाता.

उधोग के कारण ट्रांसपोर्ट और माइनिग भारी पत्थरो से भरे गुजरते वाहन
सिवाना जोधपुर तक हाइवे का सफर कम समय मे अधिक फेरे के चक्कर क्षेत्र का देवड़ा माइनिग का सबसे बड़ा व्यपार है. कई देशों में स्टोन सप्लाई की जाती है, जिसके कारण बड़े-बड़े कंटेनरों में इन पत्थरों को भरकर ले जाने तक एक मात्र 66 हाइवे है. आवागन यही से होता है, जोधपुरी पत्थर की भी मांग सर्वाधिक रहती है सब्जी फल फ्रूट दूध कोल्डड्रिंक सहित किराणा कल्याणपुर से हाइवे से सीधा समदड़ी सिवाना होते हुए बालोतरा या बालोतरा सिवाना होते हुए समदड़ी इसी SH 66 हाइवे से होता है. करमावास बीच सेंटर में गांव और मुख्य चौराया होने के कारण अनजान चालको को अंदाजा नहीं रहता. इसी चौराहे से पाली जाने सड़क मार्ग से जुड़ाव होता है. तेज गति के कारण भूलवश चालक रात्रि के समय सीधे निकल जाते और कल्याणपुर पहुचने पर पता चलता है, जिससे 50 किलोमीटर वापस आने जाने में लग जाते हैं.

साथ ही मुख्य चौराहे पर स्पीड ब्रेकर लग जाए तो तेज रफ्तार पर नियंत्रण के साथ समय रहते दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगाया जा सकता है. समदड़ी क्षेत्र से कईं जिलों की सीमा को सड़क मार्ग जोड़ने वाला करमावास चौराहे इसी चौराहे से पाली, जालोर, जोधपुर, गुजरात तक का व्यवसाय आवागमन वाहनो से सफर तय करते है, मांग के बावजूद हाइवे निर्माण कम्पनी ने स्पीड ब्रेकर नहीं लगाए जिससे हर दम हादसे की आशंका रहती है.

संतोष जीनगर प्रधान समदड़ी का कहना है कि व्यपारिक दृष्टि से समदड़ी सिवाना का अधिकतर व्यपार जोधपुर से होता है, वैवाहिक खरीददारी हो या किराणा सहित अन्य ट्रांसपोर्ट से माल जोधपुर का हाइवे SH 66 के बनने से सीधा जुड़ाव हो गया है. कम समय मे सुविधाए मिल रही है, देवड़ा के बाद अधिक मोड़ आ जाते हैं, करमावास चौराये से पाली ओर जोधपुर अलग अलग रास्ते हो जाते हैं. मुख्य चौराये पर माजीसा का मन्दिर होने से दिन भर भक्तों का आवागमन होता है, स्पीड ब्रेकर नहीं होने से गाड़ीयों की रफ्तार का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.
पारस प्रजापत

Reporter: Bhupesh Acharya

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