मसूदा में युवक ने दी आत्मदाह की चेतावनी फिर भी नहीं हुआ समस्या का निस्तारण
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मसूदा में युवक ने दी आत्मदाह की चेतावनी फिर भी नहीं हुआ समस्या का निस्तारण

पिछले 5 वर्षों से अपनी समस्या को लेकर स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला कलेक्टर तक गुहार लगाने वाले पीड़ित युवक मसूदा निवासी नरेंद्र जीनगर द्वारा उपखंड कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने की दी गई चेतावनी को लेकर हरकत में आए प्रशासन द्वारा शुरू की गई त्वरित कार्रवाई के बावजूद पीड़ित की समस्या का निस्तारण नहीं हो सका है. 

नहीं हुआ समस्या का निस्तारण

Masuda: पिछले 5 वर्षों से अपनी समस्या को लेकर स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला कलेक्टर तक गुहार लगाने वाले पीड़ित युवक मसूदा निवासी नरेंद्र जीनगर द्वारा उपखंड कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने की दी गई चेतावनी को लेकर हरकत में आए प्रशासन द्वारा शुरू की गई त्वरित कार्रवाई के बावजूद पीड़ित की समस्या का निस्तारण नहीं हो सका है. 

हालांकि एक अलग बात है कि पीड़ित युवक द्वारा उपखंड अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर लिखित में व्यक्त की गई पीड़ा के साथ 2 दिन में समस्या का निस्तारण नहीं होने से उपखंड कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने जैसी दी गई चेतावनी को लेकर उपखंड अधिकारी संजू मीणा ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने के दिए गए आदेश के अनुपालन में पंचायत समिति और ग्राम पंचायत और उपखंड कार्यालय के कार्मिकों द्वारा मौका मुआयना कर उपखंड अधिकारी को अवगत करवाए जाने पर उपखंड अधिकारी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार कागजी कार्रवाई अवश्य शुरू हो गई थी. परंतु पीड़ित की समस्या का निस्तारण नहीं होने से युवक की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. 

ज्ञातव्य है कि उपखंड अधिकारी के निर्देशों की अनुपालना में पंचायत समिति के अतिरिक्त विकास अधिकारी विजाराम सिंगारिया ने कथित आरोपी से खड्डे को भरवाने और आरोपी द्वारा नहीं भरे जाने की स्थिति में ग्राम पंचायत अपने स्तर पर पीड़ित युवक की समस्या का समाधान करवाने के लिए कार्रवाई करने के लिए ग्राम पंचायत को निर्देशित किया गया था. इसी को लेकर मसूदा ग्राम पंचायत ने पीड़ित के मकान और दुकान के पीछे किए गए खड्डे को तत्काल भरने को लेकर कथित आरोपी शैतान नामक व्यक्ति को नोटिस जारी कर दिया है.

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ग्राम पंचायत द्वारा कथित आरोपी शैतान नामक व्यक्ति को सरपंच श्रीमती पुष्पा कांत धूत द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस का मजमून उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख है कि श्री नरेन्द्र जीनगर निवासी, मसूदाप्रथम खसरा नम्बर 4605,105212 में आप द्वारा पलाट बेचान किया है. श्री नरेन्द्र जीनगर के मकान और दुकान के पीछे खाली पड़े भूखण्ड में गढ्ढा किया हुआ है. 

प्रार्थी द्वारा श्रीमान् उपखंड अधिकारी और उपजिला मजिस्ट्रेट मसूदा के समक्ष शिकायत की गई है कि दुकान के पीछे किए गए गढ्ढे को 2 दिवस में नहीं भरवाने पर आत्महत्या करने की चेतावनी दी गई है. इसका कारण आपको नोटिस से सुचित किया जाता है कि उक्त आबादी आपकी निजी है. अतः 2 दिवस में गढ्ढे को भरवाने की व्यवस्था करें अन्यथा विपरित परिस्थिति और प्रशासनिक कार्रवाई के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होगे.

ग्राम पंचायत द्वारा जारी किए गए उक्त नोटिस की प्रतिलिपि सूचनार्थ और आवश्यक कार्रवाई हेतु श्रीमान उपखंड अधिकारी श्रीमान तहसीलदार को देकर निवेदन है कि उक्त प्रकरण में मार्गदर्शन मांगा हैं. वहीं विकास अधिकारी पंचायत समिति को तथ्यों से अवगत कराते हुए बताया कि उक्त प्रकरण का स्थान ग्राम पंचायत मसूदा की आबादी क्षेत्र में नहीं होने और निजी आबादी होने के कारण ग्राम पंचायत मसूदा द्वारा व्यक्तिगत कार्य नहीं करवाने की मजबूरी से अवगत कराते हुए इनसे भी मार्गदर्शन मांगा हैं.

कुल मिलाकर कथित आरोपी द्वारा खड्डे को तो भरवाया ही नहीं गया लेकिन ग्राम पंचायत भी उक्त खड्डे को भरवाने में यह कहकर असमर्थता जाहिर कर रही है कि संबंधित भूमि ग्राम पंचायत की आबादी भूमि नहीं होकर निजी आबादी होने के कारण व्यक्तिगत कार्य ग्राम पंचायत द्वारा नहीं करवाए जाने की मजबूरी जताते हुए विकास अधिकारी और तहसीलदार से मार्गदर्शन मांगा है. 

पीड़ित युवक द्वारा 14 जून मंगलवार को उपखंड अधिकारी संजू मीणा के समक्ष उपस्थित होकर लिखित में व्यक्त की गई पीड़ा और समस्या का 2 दिन में निस्तारण नहीं होने की स्थिति में उपखंड कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने की दी गई चेतावनी की समयावधि भी पूर्ण हो चुकी है लेकिन पीड़ित युवक समस्या का निस्तारण नहीं होने से युवक द्वारा दी गई आत्मदाह जैसी गंभीर चेतावनी को लेकर किसी भी प्रकार की संभावित घटना स्थानीय प्रशासन के लिए परेशानी का कारण बन सकती है.

आपको बता दें कि एक कानून के जानकार अधिवक्ता द्वारा राज्य के एक उपखंड कार्यालय के बाहर किए गए आत्मदाह का मामला कोई ज्यादा पुराना नहीं है और संबंधित से उपखंड अधिकारी को निलंबित होने जैसी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ा था तो अपनी समस्या के समाधान के लिए पिछले 5 साल से प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद समाधान नहीं होना एक गंभीर बात है, समय रहते हुए संबंधित पीड़ित युवक की समस्या का यथाशीघ्र निस्तारण किया जाना चाहिए.

Reporter: Manveer Singh

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