Kanya Poojan: शारदीय नवरात्रि में 9 दिन तक मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है. इसके साथ ही कई जगहों पर धार्मिक अनुष्ठानों के साथ गरबा का आयोजन होता है. इसके बाद अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन किया जाता है. आइए एस्ट्रोलॉजर डॉ.रुचिका अरोड़ा से जानते हैं कि कन्या पूजन का क्या महत्व और किस तिथि पर करना चाहिए.
शारदीय नवरात्रि 2024 पर्व की शुरुआत हो चुकी है. अब नौ दिन मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाएगी. वहीं अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं का पूजन किया जाएगा. बता दें कि कुछ लोग अष्टमी के दिन कन्याओं को खाना खिलाते हैं तो वहीं कुछ नवमी के दिन. आइए एस्ट्रोलॉजर डॉ.रुचिका अरोड़ा से जानते हैं कन्या पूजन के बारे में-
एस्ट्रोलॉजर डॉ.रुचिका अरोड़ा के मुताबिक कन्या पूजन करवाने के बाद ही नौ दिन व्रत रखने का पूरा फल मिलता है. जानिए कन्या पूजन की सही तिथि क्या होती है-
शास्त्रों और पुराणों के मुताबिक नवरात्रि में अष्टमी या नवमी तिथि पर कन्या पूजन कराने की बात कही गई है. इनको भोजन करवाने के बाद महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं.
इस साल सप्तमी और अष्टमी एक ही दिन हैं. बता दें कि अगर सप्तमी और अष्टमी एक ही तिथि पर आ रही है तो व्रत खोलना शुभ नहीं होता है. पंचाग के अनुसार अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर खत्म होगी. इसके बाद इसी दिन नवमी तिथि शुरू हो जाएगी.
अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन मनाई जाएगी. इसलिए कन्या पूजन 11 अक्टूबर को किया जाएगा. माना जाता है कि कन्या को भोज करवाने वाले दिन नौ कन्या का होना जरूरी है. अगर कन्याएं 10 साल से कम आयु की मिल जाती हैं तो माना जाता है कि जातक को कभी धन-संपदा की कमी नहीं आती है.
कन्याओं को पूजन करवाने के दिन आपको सच्चे दिल से कन्या का स्वागत करना चाहिए. इसके बाद आपको साफ पानी से उनके पैरों को धोना चाहिए. कन्याओं के पैर धोने के बाद पैर भी छूने चाहिए. सभी कन्याओं को साफ आसन पर बिठाएं और माथे पर टीका लगाकर कलावा बांधे. इसके बाद मां दुर्गा को भोग लगाकर सभी कन्याओं को भोजन कराएं. भोजन करवाने के बाद उन्हें पैसे या गिफ्ट देना शुभ माना जाता है.
माना जाता है कि अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करवाने के बाद ही नौ दिन व्रत रखने का पूरा फल मिलता है. कंजकों को भोजन करवाने से देवी मां खुश होती हैं और भक्तों की सभी परेशानियां दूर होती है. इसके अलावा घर में सुख और शांति आती है.
यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले धार्मिक जानकारों की सलाह जरूर लें.
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