Rewa News: भारतीय संस्कृति दुनियाभर में रहने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. ऐसा ही कुछ हुआ स्पेन के रहने वाले जेवियर के साथ. वह 10 साल पहले व्यापार के सिलसिले में भारत आए और यहीं बस गए. सनातन के प्रति उनका इतना गहरा प्रेम था कि उन्होंने अपना नाम दीपक रख लिया. इसके बाद उन्होंने पैदल ही भारत भ्रमण करना शुरू कर दिया. जेवियर अब तक 65 हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. उन्होंने अपनी यात्रा लेह लद्दाख से पैदल शुरू की थी. वह कश्मीर और कन्याकुमारी होते हुए चारों धाम गए. इसके बाद उन्होंने सातों पुरियों की यात्रा पूरी की. 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पूरी करते हुए वह महाकुंभ गए और इसके बाद वह रीवा पहुंचे.
सनातन धर्म से खुद को जोड़कर लंबी धार्मिक यात्रा कर रीवा पहुंचे स्पेन निवासी जेवियर उर्फ दीपक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि 'मैं स्पेन से आया हूं, मेरा भारतीय नाम दीपक है'. उन्होंने बताया कि 'मैंने बिना पैसे के लेह लद्दाख से पैदल यात्रा शुरू की और कन्याकुमारी पहुंचा. सात पुरी, धाम के साथ ही 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन भी पैदल ही किए. फिलहाल प्रयागराज से महाकुंभ में स्नान कर रीवा पहुंचा हूं'.
पैदल यात्री दीपक ने बताया कि वर्ष 2015 से पहले वह व्यापार के सिलसिले में भारत आए थे और यहां रहते हुए उनका रुझान सनातन धर्म की ओर हुआ.
जेवियर बताते हैं कि सनातन धर्म को और गहराई से समझने के लिए उन्होंने 2015 में पैदल धार्मिक यात्रा शुरू की थी. इस दौरान उन्होंने सनातन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म जैसे धर्मों के बारे में काफी जानकारी जुटाई.
वहीं प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के बारे में अपने विचार साझा करते हुए जेवियर ने कहा कि यहां का अनुभव अद्भुत रहा. उन्होंने यह भी कहा कि 144 साल बाद हो रहे महाकुंभ स्नान के लिए सभी को जरूर जाना चाहिए. लेकिन पूरी आध्यात्मिकता के साथ क्योंकि यह पिकनिक मनाने की जगह नहीं है.
जेवियर की पदयात्रा के अंत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसी यात्राएं न तो अपनी इच्छा से शुरू की जा सकती हैं और न ही समाप्त की जा सकती हैं. मुझे नहीं पता कि यह यात्रा कितनी लंबी चलेगी, क्योंकि उनके द्वारा शुरू की गई यह पदयात्रा खुद को खोजने की यात्रा है.
हालांकि जेवियर ने मीडिया से बातचीत के दौरान अंग्रेजी में बात की लेकिन आखिर में जब उनसे हिंदी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें थोड़ी-बहुत हिंदी भी आती है. इसके बाद उन्होंने भारत और सनातन धर्म की तारीफ की और जय श्री राम के साथ-साथ हर-हर महादेव कहकर अभिवादन किया. और फिर वे अपनी आगे की यात्रा के लिए रवाना हो गए.
बता दें कि स्पेन निवासी जेवियर एक व्यवसायी हैं. उन्होंने बिना किसी पैसे के लेह लद्दाख से पैदल यात्रा शुरू की थी. इसके बाद वे कश्मीर से कन्याकुमारी गए. जेवियर ने चारों धाम की पैदल यात्रा करते हुए सातों पुरी धाम की यात्रा की. इसके साथ ही वे 12 ज्योतिलिंगों की पैदल यात्रा करते हुए महाकुंभ गए और फिर वे रीवा पहुंचे और वहां पहुंचकर उन्होंने 65 हजार किलोमीटर की अपनी यात्रा पूरी की.
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