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MP का पहला फसलों का अनोखा म्यूजियम, यहां मौजूद गेहूं, चना, मसूर जैसी फसलों की वैरायटी

MP News: यूं तो आपने कई म्यूजियम देखे होंगे. उन म्यूजियम में रखे दुर्लभ और कीमती चीजों को भी देखा होगा. म्यूजियम को बनाया ही इसलिए जाता है ताकी आप संजो कर रखे बेश कीमती चीजों को देख सकें. कभी आपने फसलों का म्यूजियम देखा है? अगर नहीं तो सोचने की बात नहीं है. एमपी के सागर के कृषि वैज्ञानिकों ने अनोखा म्यूजियम तैयार किया है. यहां अनेक तरह के फसलें देखने के मिलेंगी और साथ ही साथ उनके बारे में सारी जानकारियां भी. म्यूजियम बाकी के म्यूजियमों से बहुत अलग और अनोखा है. 

 

अनोखा म्यूजियम

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अनोखा म्यूजियम

मध्य प्रदेश के सागर के एक कृषि वैज्ञानिक ने अनोखा म्यूजियम तैयार किया है. ये म्यूजियम बाकी म्यूजियम्स से बहुत अलग है. इस म्यूजियम की खास बात तो ये है कि ये किसी बंद कमरे में न होकर खुले मैदान में बनाया गया है. जहां आपको प्रकृति के करीब होने का अनुभव होगा.  

 

तरह-तरह की फसलें

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तरह-तरह की फसलें

सागर के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बना यह म्यूजियम 2000 स्क्वायर मीटर तक फैला है.  अनोखे म्यूजियम में गेहूं, चना, मसूर और अलसी की फसल लहलहाते हुए दिखेंगी. साथ ही आपको 35 तरह की अलग- एलग फसलें भी लगी हुई दिखेंगी.

 

क्रॉप कैफेटएरिया

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क्रॉप कैफेटएरिया

म्यूजियम के वैज्ञानिक ने अपने बनाए इस फलसों वाले म्यूजियम का नाम "क्रॉप कैफ़िटएरिया" रखा है जिसे आप  फसलों का संग्रहालय भी कह सकते हैं.

 

फसलों की वैरायटी

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फसलों की वैरायटी

फसलों के इस संग्रहालय को बनाने के लिए कृषि अनुसंधान केंद्र, कृषि महाविद्यालय और कृषि वैज्ञानिकों की मेहनत लगी है. 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद यहां  गेहूं की 18 वैरायटी, चने की 8 वैरायटी, मसूर की 6 वैरायटी और अलसी की 5 वैरायटी उपलब्ध है.

 

किसान को होगा लाभ

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किसान को होगा लाभ

बताया जा रहा कि फसलों के इस म्यूजियम से किसानों को अधिक लाभ होगा क्योंकि किसान यहां मौजूद फसलों की वैरायटी के बारे में अच्छे से जान पाएंगे और जल्दी एडॉप्ट कर पाएंगे. वे अपने खेत के अनुसार, अपनी मिट्टी के अनुसार इन वैरायटी को देखकर समझ कर उपयोग कर पाएंगे.

 

रोटी और पास्ता के लिए अलग गेहूं

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रोटी और पास्ता के लिए अलग गेहूं

कृषि विज्ञान केंद्र (agriculture science center) के इंचार्ज ने बताया है कि यहां पर दो प्रकार की गेहूं उगाई जाती है. एक रोटी बनाने के लिए दूसरा ब्रेड नूडल पास्ता बनाने के लिए. गेहूं के साथ - साथ यहां पर कम पानी में होने वाली फसलें, अधिक उत्पादन वाली फसलें , जिंक, आयरन, प्रोटीन कंटेंट वाली फसलें भी उगाई जा रही हैं.