मोहन यादव ने कहा कि युवा पीढ़ी किसानी से दूर हो रही थी. ऐसे में पढ़ाई के द्वारा युवाओं को वापस खेती-किसानी से जोड़ने की कोशिश की जा रही है.
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प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश में हाईटेक किसानों की फौज तैयार हो रही है. दरअसल यह खुलासा खुद उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने किया है. मोहन यादव ने बताया है कि एक साल में 76 हजार से युवाओं ने यूनिवर्सिटी में कृषि विषय में दाखिला लिया है. इन आंकड़ों से आस बंधी है कि अब युवा पढ़-लिखकर खेती से जुड़ेंगे और हाईटेक खेती को बढ़ावा देंगे.
मध्य प्रदेश कृषि प्रधान राज्यों में शुमार किया जाता है. राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ खेती ही है. ऐसे में मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने युवाओं को खेती से जोड़ने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए यूनिवर्सिटीज में खेती से जुड़े विषय पढ़ाने का फैसला किया है. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि एमपी में 4 लाख छात्रों में से 76 हजार ने खेती का सब्जेक्ट चुना है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पढ़ाई को खेती से नहीं जोड़ा गया. अंग्रेजों की सोच से शिक्षा व्यवस्था अब तक चली लेकिन अब समय बदल गया है.
मोहन यादव ने कहा कि यूनिवर्सिटीज को किसानी से जोड़ा गया. जैविक खेती जैसे सब्जेक्ट को पढ़ाई से जोड़ा गया है. युवा पीढ़ी किसानी से दूर हो रही थी. ऐसे में पढ़ाई के द्वारा युवाओं को वापस खेती-किसानी से जोड़ने की कोशिश की जा रही है.
बता दें कि बढ़ती आबादी और जलवायु परिवर्तन के चलते भविष्य में देश में खाद्यान्न संकट गहराने का खतरा है. ऐसे में युवाओं को खेती से जोड़ने की यह पहल बेहद अहम है. गैर सरकारी संगठन प्रथम की एक सर्वे रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि देश के ग्रामीण इलाकों के युवाओं का खेती से मोहभंग हो रहा है. साथ ही केंद्र सरकार देश में जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में पढ़े लिखे युवाओं के खेती के व्यवसाय से जुड़ने से यकीनन तौर पर प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा.