Bhopal News: कांग्रेस के पूर्व सीएम कमलनाथ ने जिला प्रभारियों की तैनाती में हनीट्रैप मामले में फंसे शख्स को प्रभार दिया है. इस पर बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस अपराधियों को संरक्षण दे रही है.
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प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी के लिए कई बड़े बदलाव किए हैं. उन्हीं बदलावों में से एक प्रभारी की नियुक्तियों पर भाजपा हमलावर हो गई है. भाजपा बोली कि हनीट्रैप मामले में फंसे व्यक्ति की तैनाती बताती है कांग्रेस अपराधियों को संरक्षण दे रही है.
वीडी शर्मा के गृह जिले पन्ना का बनाया प्रभारी
हनीट्रैप मामले में नाम आने के बाद छतरपुर जिला अध्यक्ष के पद से मनोज त्रिवेदी ने इस्तीफा दिया था. मनोज त्रिवेदी को अब कांग्रेस ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के गृह जिले पन्ना का प्रभारी बनाया गया है. वीडी शर्मा खजुराहो लोकसभा सीट से सांसद हैं जिसमें पन्ना जिला भी आता है.
बीजेपी को मिली सियासी फ्री हिट
दरअअसल, गुरुवार को कमलनाथ ने 2023 विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी 52 जिलों के लिए प्रभारी नियुक्त किये. इसी सिलसिले में छतरपुर के पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी को पन्ना का प्रभारी बनाया था. एक दिन बाद ही कमलनाथ का ये फैसला भाजपा को सियासी फ्री हिट दे गया.
वीडी शर्मा के गृह जिले में तैनाती को लेकर भड़की भाजपा
भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कहा कि मनोज त्रिवेदी कौन हैं जिन्हें पन्ना का प्रभारी बनाया है. क्या मानव तस्करी, देह व्यापार से इसका कोई कनेक्शन है? बीजेपी ने कहा कि जघन्य अपराध के अपराधी को प्रभारी बनाना बताता है कि कांग्रेस अपराधियों को संरक्षण दे रही है, कमलनाथ इस बात का जवाब दें.
हनीट्रैप मामले में देना पड़ा था इस्तीफा
बता दें कि जनवरी 2020 में हनीट्रैप से जुड़े मामले में मनोज त्रिवेदी से पीसीसी ने ही इस्तीफा लिया था. हनीट्रैप मामले में मोनिका ने बताया था कि आरती दयाल उसे अपने साथ छतरपुर ले गई थी और उन्हें राजेश गंगेले के पास जाना था. गंगेले के नहीं मिलने पर मोनिका ने कहा था कि वे लोग कांग्रेस नेता मनोज त्रिवेदी के पास गए जहां उनके एक अन्य साथी के साथ गए थे. मोनिका ने पुलिस को बयान में बताया था कि आरती ने मनोज त्रिवेदी को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया तो टीआई ने उन्हें रोक दिया था. उसे आरती द्वारा बनाए गए वीडियो की जानकारी थी. आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने पर त्रिवेदी की बाबरिया को शिकायत भी हुई. इसके बाद मनोज त्रिवेदी से पीसीसी ने इस्तीफा ले लिया जिसे तत्काल स्वीकार कर लिया गया था.
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