MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने नर्सिंग परीक्षाओं पर लगी रोक हटाने से साफ इंकार कर दिया है.अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.
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प्रियांशु यादव/ ग्वालियर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) की ग्वालियर बेंच ने नर्सिंग परीक्षाओं पर लगी रोक हटाने से साफ इंकार कर दिया है. कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद प्रदेश में नर्सिंग परीक्षाओं पर रोक लगाने के 27 फरवरी के अपने फैसले को बरकरार रखा, साथ ही प्रदेश के 375 नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई (CBI) को सौंप दी है. सीबीआई मध्य प्रदेश में साल 2020 से 2023 नर्सिंग कॉलेजों की स्थिति मापदंडों को लेकर जांच करेगीं.
मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी
बता दें कि पूर्व में सीबीआई ने 24 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी, जिसमें से 6 कॉलेजों में अनियमितताएं पाई गई थी. वहीं हाईकोर्ट के निर्देश पर याचिकाकर्ता ने मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल को भी पक्षकार बनाया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 मई को होगी.
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जानें पूरा मामला
आपको बता दें कि दिलीप कुमार शर्मा ने पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष व बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट के संज्ञान में लाया कि मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर ने जुलाई 2022 से जनवरी 2023 के बीच कालेजों को संबद्धता दी. संबद्धता के बाद 11 से 18 फरवरी 2023 के बीच विद्यार्थियों का नामांकन किया गया. 28 फरवरी 2023 से परीक्षाओं की तारीख घोषित कर दी. परीक्षाएं सत्र 2019-20 व 2020-21 की कराई जा रही हैं.
कोर्ट ने लगाई रोक
गौरतलब है कि जिनकी परीक्षा कराई जा रही है, उन्होंने चार साल पहले प्रवेश लिया था. सभी को बैक डेट में संबद्धता दी गई है. विद्यार्थी भी सत्यापित नहीं हैं. इस परीक्षा पर कोर्ट ने रोक लगाई है, इस रोक को सरकार हटवाना चाहती है. सीबीआई ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान पूर्व में की गई जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की , जिसमें बताया गया है कि 24 नर्सिंग कॉलेजों की जांच की गई तो उनमें से 6 ऐसे थे जो मानदंडो पर खरे नहीं उतरे.