Chhattisgarh News: कांग्रेस ने जीता विश्वास! बची सक्ती की कुर्सी, देखें अविश्वास प्रस्ताव का वोट गणित
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Chhattisgarh News: कांग्रेस ने जीता विश्वास! बची सक्ती की कुर्सी, देखें अविश्वास प्रस्ताव का वोट गणित

Chhattisgarh News: सक्ती नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी सुरक्षित हो गई है. कांग्रेस ने यहा अविश्वास प्रस्ताव पर  विश्वास हासिल कर लिया है. इसी के साथ भाजपा पार्षदों की मुहिम असफल हो गई है.

Chhattisgarh News: कांग्रेस ने जीता विश्वास! बची सक्ती की कुर्सी, देखें अविश्वास प्रस्ताव का वोट गणित

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के सरकार बनने के बाद से ही सियासी खलबली मची है. प्रदेश के निकायों में जहां कांग्रेस और उससे समर्थित नेता और नगर सरकारें है उन्हें गिराने के लिए अविश्वास प्रस्ताव आ रहे हैं. ऐसा ही प्रस्ताव बीजेपी पार्षदों सक्ती नगर पालिका में लाया जिसपर कांग्रेस ने जीत हासिल कर ली और उनके अध्यक्ष की कुर्सी सलामत हो गई.

सुषमा जयसवाल बनी रहेंगी अध्यक्ष
सक्ति नगर पालिका अध्यक्ष सुषमा जयसवाल ने आज हुए अविश्वास प्रस्ताव में अपना विश्वास मत हासिल कर लिया है. उन्होंने उपस्थित पार्षद 16 में से 6 मत प्राप्त किया. वहीं अविश्वास लाने वाले भाजपा पार्षदों को 10 मत प्राप्त हुए. प्राप्त मत के आधार पर सुषमा जायसवाल अपने अध्यक्ष पद पर काबिज रहेंगी.

सत्ता बदलने के बाद का सिलसिला
राज्य में सत्ता बदलने के बाद विभिन्न नगर पालिका, नगर पंचायत एवं जनपद पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव का दौर जारी है. इसी कड़ी में सक्ती नगर पालिका अध्यक्ष सुषमा त्रिलोक जायसवाल के खिलाफ भाजपा पार्षदों ने लामबंदी करते हुए अविश्वास हेतु सक्ति कलेक्टर को आवेदन दिया था.

2 पार्षद रहे अनुपस्थित
आज प्रशासन द्वारा अविश्वास प्रस्ताव हेतु सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें कुल 18 पार्षदों में से दो पार्षद अनुपस्थित रहे. 16 पार्षदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जिसमें से 6 पार्षदों ने अध्यक्ष पर अपना विश्वास जताया है. वही 10 पार्षद ने अविश्वास के पक्ष में अपना मत दिया है.

गौरतलब है कि सक्ति नगर पालिका अध्यक्ष सुषमा जयसवाल जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष त्रिलोक जायसवाल की पत्नी हैं. जिन्हें नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत का करीबी माना जाता है. भाजपा पार्षदों के लिए या टेढ़ी खीर थी. क्योंकि जब तक कांग्रेस और भाजपा पार्षद एकजुट नहीं होते तब तक अविश्वास प्रस्ताव पास होना मुश्किल था. माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत जिला मुख्यालय के विधायक हैं. ऐसे में भाजपा पार्षदों को अविश्वास प्रस्ताव को सफल करना मुश्किल था.

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