वैसे तो भारत में वोट डालने की उम्र 18 साल है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में एक शख्स को अपना पहला वोट डालने के लिए करीब 93 साल की उम्र तक इंतजार करना पड़ा है.
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कांकेर: वैसे तो भारत में वोट डालने की उम्र 18 साल है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में एक शख्स को अपना पहला वोट डालने के लिए करीब 93 साल की उम्र तक इंतजार करना पड़ा है. क्योंकि मतदाता सूची में उनका नाम नहीं आ पा रहा था, और आधार कार्ड में भी त्रुटि थी, जिसके चलते वो सालों तक वोटिंग नहीं कर पा रहे थे. लेकिन अब आगामी विधानसभा चुनाव में पहली बार उनका नाम जोड़ा गया है, और अब वो पहली बार मतदान करेंगे.
दरअसल कांकेर कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला द्वारा जिले में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत बीएलओ द्वारा डोर टू डोर पहुंच सभी पात्र व्यक्तियों को मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने की अपील की जा रही है तथा मृत एवं स्थाई रूप से स्थानांतरित व्यक्तियों का नाम मतदाता सूची से विलोपित करवाने के लिए भी समझाइश दी जा रही है.
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जिसके तहत ही विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भानुप्रतापपुर के मतदान केंद्र क्रमांक 93 भैंसाकन्हार (क) निवासी 93 वर्षीय बुजुर्ग शेरसिंह हिड़को पिता समारू राम हिड़को ने मतदाता सूची में अपना नाम पहली बार जुड़वाया है. 93 साल के बुजुर्ग हेडको के परिजनों ने बताया कि मतदाता सूची में नाम जोड़े जाने के बाद से वो काफी उत्साहित है.
ऐसे जुड़ गया नाम
शेर सिंह हिड़कों के मतदाता सूची में नाम जोड़ने वाले बीएलओ राजेन्द्र कोसमा शिक्षक ने बताया कि वह शेर सिंह के पोती का नाम जोड़ने उनके घर गया था. इस दौरान उनकी मुलाकात शेर सिंह से हुई बीएलओ द्वारा पूछने पर शेर सिंह हिड़कों टूटी-फुटी भाषा व इशारों में बताया कि उनका नाम अभी तक मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया है. जिसके बाद बीएलओ ने तुरंत ही शेर सिंह हिड़कों का नाम लिखकर जिले के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर प्रियंका शुक्ला के पास भेजा. वही तुरंत ही डॉक्टर प्रियंका शुक्ला ने इसको संज्ञान में लेते हुए उनका नाम मतदाता सूची जुड़वाया है.