Chhattisgarh NEWS: बिलासपुर जिले के कोटा और रतनपुर में आने वाले गांव मलेरिया और डायरिया की चपेट में हैं. यहां पर अब तक मलेरिया के 58 और डायरिया के तकरीबन 700 मरीज के मामले दर्ज हुए हैं. अब प्रशासन से हालातों से निपटने के लिए स्कूली बच्चों का सहारा लिया है.
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Chhattisgarh NEWS: बिलासपुर जिले में मलेरिया व डायरिया मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. कोटा में मलेरिया के प्रकोप के साथ ही रतनपुर में डायरिया का प्रकोप चल रहा है. अब तक मलेरिया के 58 और डायरिया के तकरीबन 700 मरीज के मामले दर्ज हुए हैं. प्रशासन इस समय पूरी तरह अलर्ट पर है. कलेक्टर से लेकर एसडीएम, शासकीय एवं निजी चिकित्सा अस्पताल नियंत्रण के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं.
जिले के कई जगहों पर मरीजों का इलाज हो रहा है. इसमें सिम्स अस्पताल से लेकर जिला चिकित्सालय, सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थय केंद्र शामील हैं. सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में 10 बेड ओर बढ़ायें हैं. अभी 40 बेड ही हैं, जो की सारे मरीजों के उपचार के लिए बुक हैं. कुछ गांवों में तो शिविर लगाकर उपाचर करने के साथ लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. विभाग की टीम द्वारा कैंप लगाकर जांच की जा रही है.
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मलेरिया से 4 तो डायरिया से एक मौत
बढ़ते मरीजों की वजह पाइप लाइन में लिकेज बताया जा रहा है. साथ ही दूषित पानी इन पाइपलाइन के जरिए लोगों के घरों तक पहुंचता है, जिससे बिमारी का खतरा बढ़ रहा है. पिछले एक-दो सप्ताह से लगातार इनके मरीज मिल रहे हैं. अब तक मलेरिया से चार की मौत हो चुकी हैं, तो डायरिया से अभी तक एक मौत हुई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम इन पर काबू पाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है पर फिर भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं.
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शहर में कहां कितने मरिज मिले
कोटा में 16 जुलाई से मलेरिया के मरीजों की संख्या देखी जा रही हैं. 23 जुलाई तक 58 मरीज मिल चुके हैं. बात करें रतनपुर की तो 14 जुलाई से डायरिया के मरीजों की संख्या देखी जा रही हैं. यहां मंगलवार तक 312 मरीज मिल चुके हैं. इसके अलावा जिले के कोटा, बिल्हा के साथ शहरी क्षेत्र में भी डायरिया के मरीज मिल रहे हैं. यहां एक सप्ताह में करीब 200 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं. डायरिया के कुल मरीजों की संख्या 700 पहुंच गई है. स्थिती बेकाबू होती जा रही है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार इसकी रोकथाम में लगी हुई है.
ली जा रही बच्चों की मदद
इस गंभीर स्थिती को काबू करने के लिए स्कूली बच्चों की मदद से लोगों को जागरुक किया जा रहा है. घर-घर जाकर क्लोरिन टैबलेट दी जा रही है. लोगों को इस दवा का सही तरीके से उपयोग करना सिखाया जा रहा है. लोगों को कहा जा रहा है कि क्लोरिन की दवा को पीने के पानी में डालें और फिर पिएं. जहां से पाइपलाइन लिकेज है या खराब पाइप है तो उसकी मरम्मत शुरू की गई है. धीरे-धीरे नई पाईपलाइन लगवाने का काम किया जायेगा.