Success Story: CBSE बोर्ड 12वीं में टॉप करने और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया से स्कॉलरशिप मिलने का सफर, जानें सना शेख की सक्सेस स्टोरी
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2254813

Success Story: CBSE बोर्ड 12वीं में टॉप करने और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया से स्कॉलरशिप मिलने का सफर, जानें सना शेख की सक्सेस स्टोरी

Success Story: सीबीएसई 12वीं बोर्ड में 99.4% पाकर टॉप करने वाली गुरुग्राम की सना शेख को यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा ने स्कॉलरशिप का ऑफर दिया है .

Success Story: CBSE बोर्ड 12वीं में टॉप करने और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया से स्कॉलरशिप मिलने का सफर, जानें सना शेख की सक्सेस स्टोरी

CBSE 12TH Topper Success Story: सीबीएसई ने 13 मई को 12वीं की बोर्ड परीक्षा के नतीजे घोषित किए थे. सीबीएसई 12वीं बोर्ड में 99.4% पाकर टॉप करने वाली गुरुग्राम की सना शेख है. बोर्ड में टॉप करने से साथ सना ने एक और उपलब्धी हासिल की है. सना शेख को यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा ने स्कॉलरशिप का ऑफर दिया है. इसके चलते अब सना शेख कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया में अपनी आगे की पढ़ाई करेंगी. मिली जानकारी के मुताबिक सना शेख साइकोलॉजी और मेंटल हेल्थ में रिसर्च करना चाहती हैं. 

सना शेख को है साइकॉलोजी में दिलचस्पी
मूल रूप से मुबई की सना शेख गुरुग्राम में यूनिवर्सल हाईस्कूल से 10वीं और गुरुग्राम डीपीएस से 11वीं व 12वीं की पढ़ाई की है. 12वीं में सना ने कॉमर्स विषय चुना. सना लिखने की बहुत शौकीन है और उन्हें साइकॉलोजी में दिलचस्पी है. इसी कारण वह आगे की पढ़ाई इस विषय में करना चाहती हैं. बता दें कि सना के माता-पिता इंशयोरेंस सेक्टर में काम करते हैं. 

नोट्स बनाकर पढ़ाई करती है सना शेख 
इंडिया टुडे की रिपोर्ट की मानें तो सना को नोट्स से पढ़ना पसंद है. वही हमेशा से नोट्स बनाकर ही पढ़ाई करती हैं. उन्हें लिखकर याद करने में यकीन है, रट्टा लगाना उन्हें पसंद नहीं है. उनका कहना है कि लिखकर याद करने से चिजे जल्दी से समझ में आती है. 

ये भी पढ़ें: IRCTC: सस्ते में करें राजस्थान की फेमस जगहों की सैर; कई सुविधाएं मिलेगी फ्री

कैसे करती थी सना शेख समय की बचत 
सना शेख हमेशा पढ़ने के लिए अलार्म लगाती है. इससे वह सभी विषयों को समय दे पाती थी. वहीं किसे कितना समय देना हैं इसका भी अंदाजा लगाती थी. सना का कहना है कि टाइम मैनेज करने में उनके माता-पिता ने उनकी काफी मदद की. 

टिचर्स से सीखी आंसर लिखने की तकनीक 
सना ने यह भी बताया कि उन्होंने टीचर्स से पेपर में आंसर लिखने की तकनीक सीखी. उनका कहना है कि सही शब्द सीमा में आंसर लिखना टीचर्स की वजह से सीखी. साथ ही सैंपल पेपर भी काफी सोल्व किए. 

लेटेस्ट और ट्रेंडिंग Delhi News पढ़ने के लिए Zee Delhi NCR Haryana को फॉलो करेंं। ब्रेकिंग न्यूज़ और टॉप हेडलाइंस Zee Delhi Live TV पर देखें।