नागपुर से गोवा के बीच बनने वाले शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे का निर्माण महाराष्ट्र स्टेट डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन कर रहा है. 802 किलोमीटर के इस एक्सप्रेसवे का निर्माण जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा. क्योंकि इस एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम तकरीबन पूरा हो चुका है.
वहीं इस एक्सप्रेसवे का मार्च 2023 में ही मंजूरी मिल गई थी. अभी तक इसका समय जमीन अधिग्रहण में चल गया. 6 लेन की इसकी सड़क तकरीबन 2028-2029 में बनकर तैयार हो जाएगी. वहीं इसको बनाने में तकरीबन 83,600 करोड़ रुपये की लागत बताई जा रही है.
यह एक्सप्रेसवे नागपुर से गोवा घुमने जा रहे लोगों को रास्ते में तीन शक्तिपीठों के दर्शन भी कराएंगा. यह एक्सप्रेसवे इस बात को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है कि नागपुर से चलने के बाद सबसे पहले महालक्ष्मी शक्तिपीठ जिसे स्कंदर पुराण के हिसाब से 18 महाशक्तिपीठों में शामिल किया गया है.
इससे आगे बढ़ने पर तुलजा भवानी देवी की शक्तिपीठ आता है. जहां कहा जाता है कि भगवती के बाएं शरीर का हिस्सा गिरा था. तीसरा और आखिरी शक्तिपीठ पत्रादेवी आता है, जो कि वर्धा जिले में पड़ता है.
इस एक्सप्रेसवे का सीधा-सीधा निर्माण गोवा तक किया जा रहा है. जहां पर हर साल लाखों की तदाद में पर्यटक आते है. ये एक्सप्रेसवे उनके लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. वहीं इसके साथ ही रास्ते पर पड़ने वाले गांव और कास्वों का भी विकास होगा. क्योंकि यह एक्सप्रेसवे नागपुर और गोवा तक सीधी कनेक्टिविटी ट्रेड को भी बढ़ावा देगा.