दिल्ली मेट्रो के फेज-4 पर तेजी से काम चल रहा है, जो कि साल 2026 तक 44 नए स्टेशन जोड़ने का लक्ष्य रखता है. इन नए स्टेशनों के जुड़ने से मेट्रो की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों यात्रियों को लाभ पहुंचेगा. यह विस्तार दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क को और भी मजबूत करेगा और यातायात की भीड़ को कम करने में मदद करेगा.
दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क वर्तमान में 12 कॉरिडोर में फैला हुआ है, जिसमें 289 स्टेशन हैं. वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, जनकपुरी वेस्ट से कृष्णा पार्क एक्सटेंशन तक की मेट्रो लाइन पहले से चालू है. इसके अलावा, 2026 तक नए खंडों को जोड़ा जाएगा, जिसमें मजेंटा लाइन का 2.8 किमी का एक्सटेंशन भी शामिल है.
फेज-4 के तहत दिल्ली मेट्रो के एक्सपेंशन का मुख्य फोकस तीन प्रमुख कॉरिडोर पर है. पहला, मौजपुर से मजलिस पार्क कॉरिडोर, जो 12.318 किमी लंबा है, जिसमें 8 नए स्टेशन शामिल हैं. इनमें यमुना विहार, भजनपुरा, और बुराड़ी जैसे स्टेशन शामिल हैं. दूसरा कॉरिडोर कृष्णा पार्क एक्सटेंशन से रामकृष्ण आश्रम मार्ग है, जो 26.462 किमी लंबा है और इसमें 21 नए स्टेशन शामिल हैं. इन स्टेशनों के नामों में केशोपुर, पश्चिम विहार और अशोक विहार शामिल हैं. तीसरा कॉरिडोर दिल्ली एयरो सिटी से तुगलकाबाद है, जिसमें 15 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जैसे वसंत कुंज और छतरपुर.
दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के एक्सपेंशन से सार्वजनिक परिवहन के इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. इससे सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यात्रियों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी में आसानी होगी. नए स्टेशनों के जुड़ने से विभिन्न इलाकों के लोग मेट्रो के सफर का लाभ उठा सकेंगे.
दिल्ली मेट्रो का यह विस्तार न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि पर्यावरण के लिए भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा. मेट्रो के माध्यम से यात्रा करने से कारों और अन्य वाहनों की संख्या में कमी आएगी, जिससे प्रदूषण में भी कमी आएगी. इस प्रकार, दिल्ली मेट्रो का फेज-4 एक मील का पत्थर साबित होगा, जो एनसीआर क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.