New Delhi and Old Delhi Difference: वैसे तो नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली दोनों ही दिल्ली के ही हिस्से हैं फिर भी दोनों की स्थापना, स्थापत्य आदि में कई अंतर देखने को मिलते हैं. नई दिल्ली की भारत की राजधानी बनने का गौरव 1911 में हासिल हुआ, जबकि पुरानी दिल्ली शाहजहां के जमाने से भारत की राजधानी रही है. आइए नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली में अंतर जानते हैं.
नई दिल्ली शहर की नींव जॉर्ज-V द्वारा 1911 में रखी गई थी. वहीं पुरानी दिल्ली की स्थापना शाहजहां ने 1639 ईस्वी में की थी.
नई दिल्ली एक योजनावद्ध तरीके से बसाया गया आधुनिक शहर है. जहां चौड़ी-चौड़ी हरे भरे वृक्षों से भरी हुई सड़के हैं. जबकि पुरानी दिल्ली में घनी आबादी के बीच पतली और संकरी गलियों से युक्त सड़कें और काफी भीड़ भाड़ वाले बाजार हैं.
नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, सचिवालय, अक्षरधाम मंदिर आदि कई दर्शनीय स्थल हैं. वहीं पुरानी दिल्ली में लाल किला, चांदनी चौक, जामा मस्जिद, अजमेरी गेट आदि दर्शनीय स्थल हैं. नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली में अलग करने की न तो कोई भौगोलिक संरचना है और न ही कोई मानव निर्मित दीवार. दोनों ही भारत के राष्ट्रिय राजधानी क्षेत्र के हिस्से हैं.
दोनों ही मिलकर दिल्ली को विश्व के पटल पर एक बड़े और आधुनिक शहर के रूप में पहचान कराते हैं. नई दिल्ली वास्तव में पुरानी दिल्ली का ही विस्तारित और आधुनिक रूप माना जा सकता है, जहां आधुनिकता और सुख सुविधाएं उसे विश्व के किसी भी मॉडर्न शहर के टक्कर में ला खड़ी करती है.
वहीं अपने इतिहास और परंपराओं को बखूबी से संजोने का हूनर पुरानी दिल्ली को एक हेरिटेज शहर होने का गौरव प्रदान करती है.