पहले डॉक्टर्स का ब्लैक मनी कराया वाइट, फिर ऐसे की 5 करोड़ की ठगी
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पहले डॉक्टर्स का ब्लैक मनी कराया वाइट, फिर ऐसे की 5 करोड़ की ठगी

नोएडा पुलिस ने डॉक्टर्स से 5 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि पहले उसने डॉक्टरों के ब्वैक मनी को एक्सचेंज करवाया था.

पहले डॉक्टर्स का ब्लैक मनी कराया वाइट, फिर ऐसे की 5 करोड़ की ठगी

नोएडा: दुबई में विश्व स्तर पर डॉक्टरों का सेमिनार कराने के नाम पर एक साइबर ठग ने देशभर के मशहूर डॉक्टरों से कथित रूप से पांच करोड़ रुपये ठग लिए. नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने सोमवार को आरोपी विशाल पांडे को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था. नोएडा साइबर पुलिस से अब तक देश के कई शहरों के डॉक्टरों ने संपर्क कर मामले की शिकायत की है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए नोएडा पुलिस ने आरोपी विशाल पांडे को गिरफ्तार कर लिया है.

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बता दें कि विशाल पांडे पर दुबई में विश्व स्तर पर डॉक्टरों का सेमिनार कराने के नाम पर 18 से अधिक मशहूर डॉक्टरों से कथित रूप से पांच करोड़ रुपये ठगने का आरोप है. साइबर अपराध थाने की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने बताया कि नोएडा के एक निजी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महकार सिंह खारी ने 22 जून 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने शिकायत में बताया कि विशाल पांडे नामक व्यक्ति ने दुबई में डॉक्टरों का सेमिनार कराने और उसमें भाग लेने का झांसा देकर उनसे बारी-बारी से 18.72 लाख रुपये की ठगी की. शिकायतकर्ता के अनुसार विशाल ने पेटीएम फोन-पे एवं अपने निजी खाते में पैसे ट्रांसफर करवाए थे.

डॉक्टरों का ब्लैक मनी कराया था एक्सचेंज
वहीं रीता यादव ने बताया कि पुलिस ने सोमवार को विशाल को पश्चिम बंगाल के वर्तमान जनपद से गिरफ्तार किया और उसे मंगलवार को ट्रांजिट रिमांड पर नोएडा लाई. पूछताछ में पता चला कि विशाल पांडे वर्ष 2017 में ग्लेन मार्क कंपनी में फाइनेंस कंट्रोलर ऑफिसर (FSO) के पद पर कार्यरत था. नौकरी ठीकठाक चल रही थी, लेकिन नोटबंदी के दौरान नौकरी चली गई. इसके बाद उसने चिकित्सकों के लिए ब्लैक मनी को एक्सचेंज कराया. इस दौरान उसे पता लगा कि डॉक्टरों के पास काफी पैसे होते हैं तो उन्हें ठगने की साजिश रची और धीरे-धीरे सेमिनार और विदेशी टूर के नाम पर जालसाजी करने लगा. विशाल अपनी पहचान छुपाकर दिसंबर 2021 से अलग-अलग राज्यों के डॉक्टरों को ठग रहा था. जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि विशाल ने 18 डॉक्टरों से करीब पांच करोड़ रुपये से अधिक ठग लिए हैं.

गिरोह में लोगों को शामिल करने की तैयारी में था
साइबर क्राइम थाने की प्रभारी ने बताया कि विशाल पूरा गिरोह खुद चला रहा था. वह अपनी कमाई में किसी और को कमीशन नहीं देना चाहता था. इसलिए कमान अपने हाथ में रखी थी. धीरे-धीरे नेटवर्क बढ़ रहा था. इस कारण वह गिरोह में कुछ लोगों को शामिल करने की तैयारी में था. विशाल की गिरफ्तारी के बाद नोएडा के अलावा लखनऊ एवं हैदराबाद से भी कुछ डॉक्टरों ने साइबर पुलिस से संपर्क किया है और साइबर अपराध पुलिस को 30 करोड़ रुपये से अधिक ठगी की आशंका है. उन्होंने बताया कि आरोपी को जनपद गौतमबुद्ध नगर न्यायालय में पेश कर उसकी कस्टडी रिमांड मांगी जाएगी.