Punjab Government Car Seized: पुलिस को शक है कि इस मामले में कोई बड़ा गिरोह शामिल हो सकता है, जो अवैध शराब और काले धन की तस्करी करता है. ये लोग फर्जी सरकारी स्टिकर और नकली नंबर प्लेट का इस्तेमाल कर कानून से बचने की कोशिश कर रहे थे. इस घटना के बाद पंजाब सरकार के परिवहन विभाग ने साफ कर दिया कि इस गाड़ी का सरकार से कोई संबंध नहीं है.
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Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का चुनावी समर गर्म हो चुका है. एक तरफ राजनीतिक दल प्रचार में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर अवैध शराब, बेहिसाब नकदी और फर्जी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का खेल सामने आ रहा है. हाल ही में दिल्ली पुलिस और फ्लाइंग स्क्वॉड टीम (FST) ने PB35AE1342 नंबर प्लेट वाली एक संदिग्ध गाड़ी पकड़ी, जिसमें अवैध शराब, बेहिसाब नकदी और आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रचार सामग्री बरामद की गई. खास बात यह थी कि इस गाड़ी पर पंजाब सरकार का स्टिकर भी लगा हुआ था, जिससे मामला और पेचीदा हो गया. जैसे ही यह मामला सामने आया तो हर तरफ हड़कंप मच गया. इस मामले को लेकर पंजाब सरकार दावा कर रही है कि इस गाड़ी से सरकार को कोई लेना देना नहीं है.
इको स्पोर्ट की नंबर प्लेट का क्रेटा में हो रहा था इस्तेमाल
सूत्रों के अनुसार पंजाब सरकार के परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया कि यह रजिस्ट्रेशन नंबर वास्तव में एक फोर्ड इको स्पोर्ट गाड़ी का है, जो वर्ष 2018 में पंजीकृत हुई थी. यह गाड़ी मेजर अनुभव शिवपुरी के नाम पर रजिस्टर्ड पाई गई, जो पहले पठानकोट स्थित आर्मी डेंटल कॉलेज में तैनात थे और अब महाराष्ट्र के खड़की के स्थायी निवासी हैं. लेकिन दिल्ली में पकड़ी गई गाड़ी हुंडई क्रेटा थी, जो पूरी तरह से अलग मॉडल की गाड़ी थी. इससे साफ हो गया कि गाड़ी की नंबर प्लेट पूरी तरह फर्जी और अवैध थी. पुलिस और परिवहन विभाग ने जब अपने रिकॉर्ड खंगाले तो यह भी स्पष्ट हुआ कि यह वाहन न तो पंजाब सरकार का है और न ही किसी सरकारी किराए के वाहन सूची में शामिल है. इसका मतलब यह निकला कि किसी ने जानबूझकर गाड़ी पर फर्जी नंबर प्लेट और सरकारी स्टिकर लगाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की.
चुनाव में फर्जीवाड़े की गहरी साजिश
पुलिस को शक है कि इस मामले में किसी बड़े गिरोह का हाथ हो सकता है, जो अवैध शराब और काले धन की तस्करी में शामिल है. फर्जी सरकारी स्टिकर और नकली नंबर प्लेट का इस्तेमाल करके ये लोग कानून के शिकंजे से बचने की कोशिश कर रहे थे. इस घटना के बाद पंजाब सरकार के परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया कि इस गाड़ी का सरकार से कोई संबंध नहीं है.
अभी भी जारी है जांच
फिलहाल पुलिस ने गाड़ी को जब्त कर लिया है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन लोग हैं. इस मामले से यह भी जाहिर होता है कि फर्जी नंबर प्लेट और सरकारी स्टिकर का दुरुपयोग कर अपराधियों द्वारा गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है. अब देखना होगा कि पुलिस अपनी जांच में और क्या खुलासे करती है और इसके पीछे कौन से बड़े नाम सामने आते हैं.
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