Delhi Election 2025: करोड़ों की संपत्ति ने बढ़ाई नई दिल्ली सीट पर चुनावी गर्मी, प्रवेश वर्मा चर्चा में...
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Delhi Election 2025: करोड़ों की संपत्ति ने बढ़ाई नई दिल्ली सीट पर चुनावी गर्मी, प्रवेश वर्मा चर्चा में...

Delhi Election 2025: प्रवेश वर्मा ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 19.7 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स रिटर्न भरा है, जबकि साल 2019 में यह सिर्फ 17 लाख रुपये था. उनकी संपत्ति में हुई इतनी बड़ी बढ़ोतरी को लेकर अब राजनीतिक हलकों में चर्चाएं जोरों पर हैं. विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे चुनावी मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है.

 

Delhi Election 2025: करोड़ों की संपत्ति ने बढ़ाई नई दिल्ली सीट पर चुनावी गर्मी, प्रवेश वर्मा चर्चा में...

नई दिल्ली : नई दिल्ली विधानसभा सीट इस बार एक बड़े चुनावी संग्राम का केंद्र बन गई है. यहां बीजेपी, आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के दिग्गजों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. खास बात यह है कि इस चुनावी चर्चा में बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा की जबरदस्त संपत्ति वृद्धि सुर्खियों में है.

6 साल में संपत्ति में भारी इजाफा
चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के मुताबिक प्रवेश वर्मा की संपत्ति में बीते 6 सालों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. उनकी कुल चल-अचल संपत्ति अब 115.63 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है. इसमें 96.50 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 19.10 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है. साल 2019 में उनके पास कुल संपत्ति 15.52 करोड़ रुपये थी. इतना ही नहीं, 2019 में उनके ऊपर सिर्फ 4 करोड़ रुपये की देनदारी थी, जो अब बढ़कर 74.37 करोड़ रुपये हो गई है. प्रवेश वर्मा ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 19.7 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया है, जबकि 2019 में यह राशि केवल 17 लाख रुपये थी. इस संपत्ति वृद्धि को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं और इसे लेकर विरोधी दलों ने सवाल उठाना भी शुरू कर दिया है.

मुकाबला में कौन मारेगा बाजी
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मुकाबला केवल बीजेपी और आप तक सीमित नहीं है. कांग्रेस ने इस बार अपने मजबूत प्रत्याशी संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है, जो दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं. वहीं, इस सीट पर आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिर से ताल ठोक रहे हैं. यह सीट इस बार इसलिए भी खास है क्योंकि यहां दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों (प्रवेश वर्मा और संदीप दीक्षित) का सामना एक पूर्व मुख्यमंत्री (अरविंद केजरीवाल) से है. दिल्ली की राजनीति में इस सीट को प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है.

दिल्ली की नजर नई दिल्ली पर
इस चुनाव में नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मुकाबला केवल सत्ता पाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह तीन बड़ी पार्टियों के लिए अपनी राजनीतिक शक्ति को परखने का भी केंद्र बन गया है. बीजेपी के लिए यह सीट राष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रभाव दिखाने का माध्यम बन सकती है, वहीं आप के लिए यह उनकी राजनीतिक रणनीति का आधार साबित होगी. कांग्रेस के लिए यह सीट खोई हुई जमीन वापस पाने का सुनहरा मौका है. यह देखना दिलचस्प होगा कि करोड़ों की संपत्ति के मुद्दे और व्यक्तिगत छवि के आधार पर कौन इस सीट पर जीत हासिल करता है.

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