Delhi Election 2025: 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने बुराड़ी सीट से शैलेंद्र कुमार को उम्मीदवार बनाया था. हालांकि उस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार संजीव झा ने उन्हें बड़ी हार दी थी. संजीव झा ने शैलेंद्र कुमार को 33,396 वोटों के अंतर से हराया था.
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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव का माहौल अब पूरी तरह से राजनीतिक सरगर्मी से भर गया है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने इस बार दिल्ली में खास रणनीति के तहत अपने सहयोगी दलों को भी चुनावी अखाड़े में उतारा है. इसी कड़ी में बिहार की सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बुराड़ी सीट से अपने उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार को मैदान में उतारा है. यह वही सीट है जहां 2020 के चुनाव में जेडीयू को आम आदमी पार्टी (आप) के मजबूत उम्मीदवार संजीव झा के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था. साथ ही बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र जो पूर्वांचल के मतदाताओं का गढ़ माना जाता है, इस बार एनडीए के लिए बेहद खास बन गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने शैलेंद्र कुमार पर दोबारा भरोसा जताया है, जो पिछली बार चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे. 2020 के चुनाव में संजीव झा ने शैलेंद्र कुमार को 33,396 वोटों के अंतर से हराया था, लेकिन जेडीयू का मानना है कि इस बार वे इस सीट पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.
एनडीए की साझा रणनीति
एनडीए ने इस बार दिल्ली में साझी रणनीति अपनाई है. भाजपा ने अपनी चौथी सूची में 9 और उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, जिससे पार्टी के कुल 68 उम्मीदवार तय हो गए हैं. वहीं जेडीयू को बुराड़ी सीट दी गई है, जिससे एनडीए ने अपनी साझा ताकत दिखाने का संकेत दिया है. देवली सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार का नाम जल्द घोषित किया जाएगा, जिससे एनडीए का 70 सीटों का समीकरण पूरा होगा.
पूर्वांचल वोटर्स पर सभी की नजरें
बुराड़ी सीट पर जेडीयू का उम्मीदवार उतारना पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने की कोशिश मानी जा रही है. यह क्षेत्र उन विधानसभा सीटों में से है, जहां बिहार और पूर्वांचल से आए लोगों की बड़ी आबादी रहती है. जेडीयू, जो बिहार में अपनी क्षेत्रीय पकड़ के लिए जानी जाती है, इस बार दिल्ली में भी इसी वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है.
आप और कांग्रेस की तैयारियां
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने सभी 70 उम्मीदवारों के नाम पहले ही घोषित कर दिए हैं और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी लगातार अपने विकास कार्यों के प्रचार में लगी है. कांग्रेस ने भी 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, लेकिन बाकी दो सीटों पर गठबंधन के तहत सहयोगी दलों के लिए जगह छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
बुराड़ी में तिकोना मुकाबला तय
बुराड़ी सीट पर इस बार तिकोना मुकाबला तय है. जेडीयू और भाजपा का गठजोड़, आप का मजबूत गढ़ और कांग्रेस का दावेदार इसे एक रोमांचक मुकाबले में बदल सकते हैं. सवाल यह है कि क्या जेडीयू इस बार आप के मजबूत पकड़ वाले इस क्षेत्र में कोई बदलाव ला पाएगी या फिर संजीव झा अपनी लोकप्रियता के दम पर एक और जीत हासिल करेंगे. इस चुनाव में बुराड़ी केवल एक सीट नहीं है, बल्कि यह एनडीए, आप और कांग्रेस की रणनीति का परीक्षण भी है. नतीजे 8 फरवरी को साफ होंगे, लेकिन फिलहाल सभी की निगाहें बुराड़ी पर टिकी हैं.
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