ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल 2025 में गुरु का गोचर तीन राशियों वृषभ, मिथुन और कर्क राशि में होगा. सामान्यतः गुरु एक राशि में लगभग 12 महीने तक रहते हैं, लेकिन इस वर्ष वक्री और मार्गी होने के कारण उनका संचार विशेष रहेगा.
गजकेसरी योग तब बनता है जब चंद्रमा और गुरु किसी राशि में एक साथ आते हैं. यह योग मिथुन राशि में बनेगा, जो मिथुन, कन्या, तुला, धनु और कुंभ राशि के लोगों को विशेष लाभ देगा.
28 मई 2025 को मिथुन राशि में गुरु और चंद्रमा का संयोग होगा. इससे धर्म और आध्यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी. बौद्धिक क्षमता और कार्यकुशलता में वृद्धि होगी, जिससे आर्थिक परेशानियों से राहत मिलेगी. करियर में सफलता और पारिवारिक जीवन में सुखद अनुभव होंगे.
कन्या राशि के जातकों को गजकेसरी योग से विशेष लाभ मिलेगा. सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी. कन्या राशि के जातकों को शिक्षा और करियर में सफतला मिलेगी. वहीं या पढ़ाई करने वाले या विदेश में काम करने वाले लोगों के लिए यह समय काफी शुभ समय रहेगा. इसके अलावा वाहन सुख और विवाह के योग रहे है.
तुला राशि में गजकेसरी योग 9 में भाव में बनेगा. इस योग के चलते तुला राशि के जातकों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा संचार होगा. वहीं पैतृक संपत्ति जुड़े विवाद सुलझ हुए नजर आएंगे. घर और फ्लैट खरीदने का आपका सपना पुरा होगा. धार्मिक यात्रा का भी अवसर बन रहा है.
धनु राशि में गजकेसरी योग 7वें भाव में बनेगा. धनु राशि के जातकों का पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा और पिता व ससुराल पक्ष से सहयोग मिलेगा. ससुराल में शुभ कार्य होंगे और विवाह योग्य जातकों के लिए विवाह के योग बनेंगे. आर्थिक क्षेत्र में तरक्की होगी.
कुंभ राशि कसे जातकों के लिए गजकेसरी योग काफी शुभ साबित होने वाला है. साढ़ेसाती के अंतिम चरण में चल रहे जातकों को करियर में उन्नति मिलेगी. आर्थिक लाभ के साथ-साथ संतान सुख के योग बन रहे है. शिक्षा में सफतला मिलेगी और धर्म कर्म में रुचि से पुण्य प्राप्ति होगी.