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Ambala News: हरियाणा की मंडियों में 26 मार्च से सरसों की खरीद शुरू हो चुकी है. इस बार अगर सरसोंं की MSP की बात करें तो सरकार ने सरसों का MSP रेट 5650 रुपये तय किया है. इससे किसान खुश तो है, लेकिन कुछ किसान इस बात से नाराज है कि सरकार ने एक तो सरसों की सरकारी खरीद देर से शुरू की. कुछ किसान मंडी की व्यवस्था से खुश नजर आए तो कुछ नाराज भी दिखाई दिए. वहीं मंडी सचिव ने सरसों की खरीद को लेकर पूरे इंतजामों की बात कही. अंबाला की शहजादपुर मंडी में अभी तक 430 क्विंटल सरसों की आवक हो चुकी है.
हरियाणा की कई मंडियों में 26 तारीख से सरसों की खरीद शुरू हो चुकी है और किसानों का इंतजार भी खत्म हो गया है. अंबाला में दो सेंटर बनाए गए है, जिसमें एक मुलाना और एक अंबाला के शहजादपुर में बनाया गया है. इस बार सरसों की MSP सरकार द्वारा 5650 रुपये तय किया गया है और इससे किसान खुश तो है, लेकिन किसान इस बात से नाराज जरूर है कि एक तो सरसों की सरकारी खरीद लेट शुरू हुई और दूसरा अभी तक उनकी फसल नहीं बिकी.
कुछ किसानों ने कहा है कि वो मंडी की व्यवस्था से खुश है तो वहीं कुछ का कहना है कि मंडी की व्यवस्था काफी खराब है. हालांकि मंडी सचिव ने कहा कि मंडी में किसानों के लिए सभी व्यवस्था की गई है और किसानों के लिए रहने की भी व्यवस्था की गई है. मंडी सचिव ने बताया कल तक 200 क्विंटल सरसों की खरीद हुई और 11 गेट पास काटे गए थे और आज अब से पहले 25 गेट पास कट चुके है. हालंकि आज हैफेड की मीटिंग चल रही है और जैसे ही मीटिंग खत्म होगी सरसों की खरीद शुरू हो जाएगी. अभी तक की बात करें तो सरसों की आवक 439 क्विंटल मंडी में आ चुकी है और अभी सरसों की फसल का आना लागतार जारी है.
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अंबाला में इस बार सरसों के दो ही सेंटर बनाए गए है, जिसमें एक शहजादपुर और दूसरा मुलाना बनाया गया है. दो ही सेंटर होने की वजह से अंबाला के किसानों को शहजादपुर और मुलाना अपनी सरसों बेचने के लिए जाना पड़ रहा है, जिससे उनका समय भी ज्यादा लग रहा है और खर्चा भी ज्यादा हो रहा है. किसान से जब बात की गई तो वो मंडी प्रशासन की व्यवस्था से संतुष्ट नजर आए.
वहीं सरकार सरसों की MSP 5650 रुपये किए जाने पर भी खुशी जताई. किसानों ने सरकार से अपील की है कि एक सेंटर चाहे अंबाला शहर बनाया जाए या फिर अंबाला कैंट बनाया जाए, जिससे कि हमे इतनी दूर न आने पड़े. क्योंकि इतनी दूर आने में खर्चा बहुत हो जाता है. वहीं कुछ किसान मंडी प्रशासन की व्यवस्था से नाराज भी दिखाई दिए. उन्होंने मंडी प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल भी उठाए. किसानों ने सरसों की सरकारी खरीद को लेट किया गया. सरकार को सरसों की खरीद एक महीना पहले शुरू करना चाहिए था.
INPUT: AMAN KAPOOR