नीति आयोग और एवीए की साझेदारी, 73 जिलों में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा की नई पहल
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नीति आयोग और एवीए की साझेदारी, 73 जिलों में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा की नई पहल

NITI Aayog: नीति आयोग का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम से मेल खाता है, जिसका मकसद देश के सबसे पिछड़े जिलों में बदलाव लाना है. इस साझेदारी में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और अन्य सामुदायिक प्रयासों पर भी ध्यान दिया जाएगा.

 

नीति आयोग और एवीए की साझेदारी, 73 जिलों में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा की नई पहल

नई दिल्ली: नीति आयोग और एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) ने 2025 तक देश के 73 जिलों में बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तीकरण को सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक साझेदारी की है. इस साझेदारी के तहत दोनों संगठन 15,000 गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने के लिए काम करेंगे. साथ ही, यह पहल देश के 12 राज्यों के 73 आकांक्षी जिलों में बच्चों को शिक्षा और सुरक्षा के अवसर प्रदान करने पर फोकस करेगी.

15,000 गांवों में बाल संरक्षण समितियों को करेंगे मजबूत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नीति आयोग ने एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन का सहयोग लिया है, जिसके तहत दोनों संगठन मिलकर 15,000 गांवों में बाल संरक्षण समितियों को मजबूत करेंगे, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण में मदद करेंगे और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए समुदायों की लामबंदी करेंगे. इस पहल का उद्देश्य उन बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों से जोड़ना है, जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, खासकर उन परिवारों को जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बाल विवाह या शोषण की चपेट में हैं.

416 जिलों में 200 से अधिक गैर सरकारी संगठनों के नेटवर्क
एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए) जो 416 जिलों में 200 से अधिक गैर सरकारी संगठनों के नेटवर्क 'जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन' का सदस्य है. बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और बाल अपराधों से निपटने के लिए काम कर रहा है. एवीए इस नेटवर्क के साथ मिलकर सुरक्षित बाल ग्रामों की स्थापना करेगा, ताकि बाल श्रम, बाल विवाह और बच्चों की तस्करी से प्रभावित परिवारों के बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण मिल सके. इस साझेदारी के तहत नीति आयोग और एवीए संयुक्त रूप से बाल विवाह और बच्चों की तस्करी पर निगरानी रखने के लिए पंचायत स्तर पर रजिस्टर बनाएंगे, ताकि विवाहों के ब्योरे और लोगों की आवाजाही का लेखा-जोखा रखा जा सके. इसके साथ ही बच्चों के शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों पर काम किया जाएगा. इसके जरिए सरकार की जनकल्याण योजनाओं को उन परिवारों तक पहुंचाया जाएगा जो अभी तक इन योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.

बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा होगी मजबूत
नीति आयोग का यह प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य देश के सबसे अविकसित जिलों में रूपांतरकारी बदलाव लाना है. इस साझेदारी में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और अन्य सामुदायिक प्रयासों पर भी जोर दिया जाएगा. एवीए के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा कि यह साझेदारी एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार होगा. इस पहल में इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन भी भागीदार है, जो बच्चों के ऑनलाइन शोषण और ट्रैफिकिंग की निगरानी में विशेषज्ञता रखता है. इस प्रकार यह साझेदारी एक समग्र और व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य बाल अधिकारों की सुरक्षा और बच्चों के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करना है.

इनपुट- नीति आयोग और एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन (एवीए)

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