Delhi MCD Election 2022: आखिर क्या रहा दिल्ली MCD का इतिहास, जानिए यहां
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1471853

Delhi MCD Election 2022: आखिर क्या रहा दिल्ली MCD का इतिहास, जानिए यहां

Delhi MCD Election: दिल्ली MCD चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है. बिते दिनों में आपने न जाने कितनी बार MCD का नाम सुना होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि MCD का इतिहास क्या है? इसे कब बनाया गया था? जानने के लिए पढ़िए ये रिपोर्ट

Delhi MCD Election 2022: आखिर क्या रहा दिल्ली MCD का इतिहास, जानिए यहां

नई दिल्ली: हाल फिलहाल पूरे देश में राजधानी चर्चा  का विषय हुई हैं. इस चर्चा का कारण हैं दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022. जिसने सभी को अपनी ओर आर्कषित किया हुआ है. BJP और AAP के बीच  कांटे की टक्कर देखी जा रही है. CONGRESS ने भी शिला दीक्षित के नाम पर काफी हाथ पैर तो मारे ही है. दिल्ली नगर निगम 2022 के इस चुनाव में जिस तरह की रूची दिखाई है उससे लगता है जनता के मन में एक सवाल तो उभरा ही होगा "आखिर दिल्ली एमसीडी का इतिहास क्या है". 

दिल्ली एमसीडी का अस्तित्व
बता दें दिल्ली एमसीडी 7 अप्रैल 1958 को संसद के एक अधिनियम के तहत अस्तित्व में आया. एमसीडी को पहले डीएमसी के नाम से जाना जाता था. दिल्ली के पहले निर्वाचित मेयर त्रिलोक चंद शर्मा थे. दिल्ली एमसीडी में सबसे लंबे समय तक रहने वाले पार्षद गुरु राधा किशन थे. 

क्या था 2017 के चुनाव का हाल
2017 के चुनाव में एमसीडी तीन भागों में बंटा हुआ था. उस समय उत्तर, दक्षिण और पूर्वी जोन के कुल 272 सीटों के लिए चुनाव हुए थे. उत्तरी दिल्ली के 104 सीटों पर वोट डाले गए थे जिसमें
BJP को 104 सीटें मिली और कांग्रेस पार्टी के खाते में मात्र 16 सीटे ही आई थी. वहीं दक्षिणी दिल्ली में भाजपा को 26 सीटों के बढ़त के साथ 70 सीट पर विजय प्राप्त हुई जबकि कांग्रेस को सिर्फ 12 सीटें ही मिली थी साथ ही 17 सीटों पर नुकसान भी उठाना पड़ा था. पूर्वी दिल्ली में 2012 में भी जनता ने BJP को ही अपने किमती वोटों ले जिताया था. BJP को उस समय 47 सीटें मिली थी. 

ये भी पढ़ें- Seelampur Delhi MCD Chunav Result सीलमपुर के चारों वार्डों में है कांटे की टक्कर

 

 2022 में दिल्ली एमसीडी में 250 सीटों पर चुनाव हुआ हैं. साथ ही दिल्ली के सभी भागों को मिलाकर एक कर दिया गया है. पूरी दिल्ली का अब मेयर भी अब एक ही होगा. इस बार BJP और AAP के बीच  कांटे की टक्कर देखी जा रही हैं. कौन जितेगा दिल्ली की यह एमसीडी की सियासी जंग यह तो 7 तारीख को आने वाले नतीजे ही बताएँगे.

दिल्ली एमसीडी चुनाव में जनता अपने वोट अपने पसंदीदा प्रत्याशी को दे चुकी है. Exit Poll के सर्वे के अनुसार AAP के एमसीडी में राज कायम करने के संकेत हैं. सर्वे की माने तो AAP को 43% वोट पड़ने की संभावना है. अनुमानित आकड़ों की बात करें तो AAP को 149-171 सीट मिल सकती हैं. वहीं 15 साल MCD पर राज करने के बाद भी BJP सर्वे के अनुसार तो 69-91 सीट पर ही सिमटती नजर आ रही हैं. कांग्रेस की बात करें तो शिला दीक्षित के नाम पर भी वह केवल 3-7 सीट ही अपने झोली में डाल सकती है. 5-9 सीट अन्य की झोली में जा सकते हैं.

बता दें 4 दिसंबर चुनाव के दिन BJP सांसद मनोज तिवारी के अनुसार चुनाव में कई जगह धांधली हो रही थी, उनका तो यहां तक कहना था कि जिस- जिस बूथ पर धांधली हो रही वहां दोबारा चुनाव होने चाहिए. एक तरह से उन्होंने दूसरी बार चुनाव कराने की डिमांड रख दी थी. इसी बीच Exit Poll का एक नया मोड़ सामने आते ही मनोज तिवैरी का भी नया बयान सामने आया है. जिसमें में कहते दिख रहे हैं कि Exit Poll  को चैलेंज तो नहीं किया जा सकता लेकिन हम अभी बेहतर कर सकते हैं. जो भी नतीजे आएँगे उन्हें स्वीकार किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी को मौका तो नहीं मिलना चाहिए लेकिन Exit Poll यदि यह दिखा रहा हैं तो हमें इंतजार करना चाहिए.

Exit Poll के आते ही मनोज तिवारी के दोनों बयानो में काफी अंतर नजर आ रहा हैं. Exit Poll ने तो साफ इशारा कर दिया हैं कि दिल्ली एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार बन रही है.

बता दें BJP सांसद मनोज तिवारी के कहा कि MCD में 151 सीटें लेने वाली पार्टी का ही मेयर बनेगा. अब देखना यह है कि कौन-सी पार्टी इस आंकड़े को पार कर पाती है.

दिल्ली निकाय चुनाव की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें