इतना बड़ा तंत्र फिर भी दिल्ली गंदी? असली जिम्मेदार कौन? कब तक होगी कूड़े की सियासत?
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1433585

इतना बड़ा तंत्र फिर भी दिल्ली गंदी? असली जिम्मेदार कौन? कब तक होगी कूड़े की सियासत?

दिल्ली आज विश्व के सबसे गंदे शहरों की सूची में शामिल हो गई है. वैसे तो दिल्ली में आज बड़ा तंत्र दिल्ली नगर निगम के तहत साफ-सफाई के लिए काम कर रहा है. उसके बावजूद भी दिल्ली गंदी क्यों है ये एक बड़ा सवाल है.

इतना बड़ा तंत्र फिर भी दिल्ली गंदी? असली जिम्मेदार कौन? कब तक होगी कूड़े की सियासत?

आदित्य प्रताप सिंह/नई दिल्लीः दिल्ली देश की राजधानी, जिसपर पूरे देश को मान होना चाहिए. वो आज विश्व के सबसे गंदे शहरों की सूची में शीर्ष है. दिल्ली की गंदगी और कूड़े पर सियासत तो खूब होती है, लेकिन सियासत दानों और कद्रदानों की जवाबदेही नहीं तय होती, क्योंकि भोली-भाली मासूम जनता भी तब जागती है. जब पानी सर से ऊपर होता है.

गांधी जी के उपदेश और प्रधानमंत्री का ‘स्वच्छ भारत’ का सपना, सब धराशायी हो जाते हैं. जब हम अपना कचरा नियत स्थान पर ना फेंक कर कहीं भी उड़ा देते हैं और सरकारी तंत्र मजबूरी में मूकदर्शक बना रहता है. वैसे दिल्ली में आज बड़ा तंत्र दिल्ली नगर निगम के तहत साफ-सफाई के लिए काम कर रहा है. उसके बावजूद भी दिल्ली गंदी क्यों है ये बड़ा सवाल है.

ये भी पढ़ेंः मामूली सी बात छात्र की पीट-पीटकर हत्या, CCTV में कैद हुई वारदात, 2 गिरफ्तार, 1 की तलाश

MCD से प्राप्त आकड़ों के मुताबिक दिल्ली में स्वच्छता कर्मी 50000 से अधिक (जिसमें स्थायी-34,685 और डेली बेसिस पर- 20110) गली-गली जाकर घरों से कूड़ा उठाने वाली कुल गाड़ियां 4495 है. वार्ड डंपिंग स्टेशन से लैंडफिल साइट जहां पूरा कूड़ा पहुंचाया जाता हैं उसमें चलने वाली कुल बड़ी गाड़ियां 660 हैं. देखा जाए तो इतनी बड़ी संख्या में स्वच्छता कर्मी होने के बावजूद भी अगर दिल्ली गंदी है और उसपर राजनीति हो रही है तो वो जायज है? ये हकीकत जानने के लिए हम कई इलाकों में गए और हमने स्वच्छता कर्मियों से भी बात की.

सफ़ाई कर्मियों का दर्द सही है या नहीं ये तो दिल्ली के नागरिकों को समझना चाहिए, लेकिन जवाबदेही तो प्रशासन और सरकार को तय करनी है. वैसे MCD और सरकार में बनती नहीं. अभी ब्लेम गेम चलता रहता है, लेकिन राजनीति से परे रहने वाले MCD के अधिकारी अपनी बात दम से रखते हैं. MCD का कहना है कि हम मार्च 25 तक दिल्ली का प्रतिदिन का कूड़ा डेलीबेसिस पर निस्तारण करने लगेंगे और उसके बाद से लैंडफिल साइटस के निस्तारण का कार्य और गति से चालू हो जाएगा.

ये भी पढ़ेंः Delhi Chhawla Gangrape: DCW अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस, पीड़ित के परिवार की सुरक्षा की मांग

वैसे दिल्ली के लोग भी कितने सजग है ये भी हम आपको बताते चलते हैं. हम दिल्ली की उन जगहों पर पहुंचे जहां जनता ने अपना जिम्मेदारी का नमूना दिया हुआ था. लोग और छोटे बच्चे भी इस गंदगी और अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार किसे मानते हैं ये भी खुद सुन ले. वैसे दिल्ली में चुनाव भी हैं और राजनीति भी जोरों पर है और कूड़ा सबसे बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है.

विपक्ष के तंज और दिल्ली में अपनी सरकार बनने के 7 साल बाद लैंडफिल साइट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों पहुंच गए तो समाधान का तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन MCD की चुनावी राजनीति का प्रचंड प्रचार जरूर शुरू हो गया है.