Delhi Traffic Update: छतरपुर से मांडी जाने वाली सड़क पर रोजाना घंटो जाम से दर्जनों गांव के लोग परेशान. इसका साधान निकालने के लिए लोगों ने सरकार को चिठ्ठी लिखी है और कहा कि सुनवाई नहीं होती है तो कोर्ट जाने को तैयार.
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Delhi Traffic News: छतरपुर से भाटी माइंस की ओर जाने वाली सड़क पर घंटो जाम से स्थानीय निवासी काफी परेशान है. इस मार्ग को एस न मार्ग कहते हैं. इसकी लंबाई लगभग 15 किलोमीटर है, जो छतरपुर से शुरू होती है और भाटी माइंस तक जाती है. शुरुआत में इस रास्ते पर छतरपुर मंदिर और मार्केट की वजह से जाम लगता है. उससे थोड़ा आगे बढ़े तो सैकड़ो बैंक्विट हॉल के वजह से जाम लगता है, उससे और आगे बढ़े तो फतेहपुर बेरी सब्जी मंडी सरको पर सैकड़ो रेहड़ी पटरी मार्केट में सड़कों पर गाड़ियों की गलत पार्किंग और दुकानों के एंक्रोचमेंट को लेकर जाम होता है. इस सड़क के आखिर में जाएं तो भारत के कई बाबा और धर्मगुरु के आश्रम वहां है, जिनके अनुवाई वहां आते जाते रहते हैं.
इस वजह से हजारों गाड़ियां इस रास्ते से गुजरती है. इसके साथ ही यह रास्ता गुड़गांव और फरीदाबाद को भी जोड़ता है. यह तो इस रास्ते की भौगोलिक स्थिति है. अब आपको बताते हैं कि इसके इतने लंबे रास्ते में दर्जनों गांव हैं. कुल आबादी लाखों में है जो इस जाम से हर रोज जूझती है. फिलहाल हम इस रास्ते के मध्य लोकेशन की फतेहपुर बेरी गांव में जाम की स्थिति की बात कर रहे हैं. जहां रविवार को अमूमन दिल्ली में जाम वाली सड़कों पर भी रास्ते खाली होते हैं, लेकिन यहां पर दूर-दूर तक लंबा जाम लगा है. गाड़ियां रेंगना तो दूर जैसे तैसे खड़ी है और थोड़ी-थोड़ी देर में आगे खिसकती है.
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स्थानीय लोगों से बात की जब कहा गया कि दुकान के एंक्रोचमेंट और सड़कों पर स्थानीय लोगों की गाड़ी के वजह से यह जाम लगता है. स्थानीय दुकानदार एवं आरडब्ल्यूए ने कहा की वह खुद चाहते है कि यह एंक्रोचमेंट यहां से हटे. प्रशासन अगर यहां एंक्रोचमेंट ड्राइव चलाएगी तो यहां के दुकानदार स्वयं अपनी मर्जी से इस अतिक्रमन को हटाएंगे बल्कि इसमें प्रशासन की मदद भी करेंगे. इसके साथ ही सड़कों पर जो रेहरी पटरी लग रहे है. उन्हें वैकल्पिक जगह देकर इस जाम से बचा जा सकता है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक इस जाम की वजह से दर्जनों गांव आपातकाल मेडिकल सुविधा से वंचित रह जाते हैं. जिसका उदाहरण बेहद खतरनाक है. कई मरीज गंभीर स्थिति में सिर्फ जाम के चलते अस्पताल तक नहीं पहुंचे और छतरपुर से पहले ही एंबुलेंस में उन्होंने दम तोड़ दिया.लिहाजा स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें अपने और अपने परिवार की रक्षा के लिए इन सड़कों से अतिक्रमण हटाना बेहद जरूरी है. बहरहाल स्थानीय लोगों ने स्थानीय विधायक पार्षद और सांसद सभी के पास अपनी समस्या को लेकर गुहार लगाई है, लेकिन कहीं से भी राहत नहीं मिली है.आखिरकार इन लोगों ने लेफ्टिनेंट गवर्नर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा ट्रैफिक और दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर इन सभी अतिक्रमण को हटाने के लिए मांग की है. अगर कुछ दिनों में सरकार या प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
Input: मुकेश सिंह