Delhi: दिल्ली HC ने महरौली में अतिक्रमण हटाने वाले DDA के नोटिस को किया रद्द, प्रभावितों का पक्ष सुनने को कहा
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Delhi: दिल्ली HC ने महरौली में अतिक्रमण हटाने वाले DDA के नोटिस को किया रद्द, प्रभावितों का पक्ष सुनने को कहा

Delhi:  अदालत का आदेश उन याचिकाओं पर आया, जिसमें तोड़फोड नोटिस को इस आधार पर चुनौती दी गई कि याचिकाकर्ताओं की संपत्तियां गांव लाढा सराय में नहीं बल्कि महरौली गांव क्षेत्र में आती हैं और कथित अतिक्रमण को हटाने के लिए सीमांकन रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है.

Delhi: दिल्ली HC ने महरौली में अतिक्रमण हटाने वाले DDA के नोटिस को किया रद्द, प्रभावितों का पक्ष सुनने को कहा

Delhi News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने महरौली पुरातत्व पार्क के आसपास कुछ 'अनधिकृत' निर्माणों को डीडीए द्वारा जारी दिसंबर 2022 के तोड़फोड़ के नोटिस को बुधवार को रद्द कर दिया. अदालत ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से प्रक्रिया को फिर से शुरू करने और अपनी भूमि पर अतिक्रमण पर आगे की कार्रवाई करने से पहले प्रभावित पक्षों का पक्ष सुनने को कहा. 

याचिकाकर्ताओं को नहीं दी गई सूचना
अदालत का आदेश उन याचिकाओं पर आया, जिसमें तोड़फोड नोटिस को इस आधार पर चुनौती दी गई कि याचिकाकर्ताओं की संपत्तियां गांव लाढा सराय में नहीं बल्कि महरौली गांव क्षेत्र में आती हैं और कथित अतिक्रमण को हटाने के लिए सीमांकन रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने आदेश में कहा, चूंकि यह साफ है कि डीडीए अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार तोड़फोड़ के नोटिस से पहले याचिकाकर्ताओं को कोई सूचना नहीं दी गई थी, हम 12 दिसंबर 2022 को जारी विध्वंस नोटिस को रद्द करते हैं. 

तीन महीने से अंदर करनी होगी प्रक्रिया पूरी
अदालत ने कहा, 'परिणामस्वरूप', हम डीडीए को नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश देते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि भविष्य में किसी भी तोड़फोड़ कार्रवाई शुरू करने से पहले सभी याचिकाकर्ताओं को डीडीए अधिनियम की धारा 30 (1) के प्रावधानों के अनुसार सुनवाई का उचित अवसर दिया जाए. यह प्रक्रिया आज से तीन महीने की अवधि के भीतर पूरी की जाएगी.

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न्यायलय ने सुनाया फैसला
बता दें कि करीब एक वर्ष पहले साल 2022 के दिसंबर महीने में डीडीए ने महरौली पुरातत्व के आसपास बने कुछ अनधिकृत निर्माणों को हटाने के लिए नोटिस जारी किया था. इसी कड़ी सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है. इसमें डीडीए को कहा गया है कि वो इस प्रक्रिया को फिर से शुरू करें और याचिकाकर्ताओं के पक्षों को भी सुनें.