स्कूली छात्रों को जीवन की कठिन चुनौतियों से सामना करना सिखा रहे 'देश के मेंटर्स', क्या है ये पहल
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स्कूली छात्रों को जीवन की कठिन चुनौतियों से सामना करना सिखा रहे 'देश के मेंटर्स', क्या है ये पहल

दिल्ली सरकार की प्रमुख पहल देश के मेंटर प्रोग्राम के तहत मेंटर्स ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों के भविष्य को दिशा देने की दिशा में काम किया है. राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र के भविष्य को सुरक्षित करने में यह उनका सबसे बड़ा योगदान है.

स्कूली छात्रों को जीवन की कठिन चुनौतियों से सामना करना सिखा रहे 'देश के मेंटर्स', क्या है ये पहल

बलराम पांडेय/नई दिल्लीः उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन में आयोजित देश के मेंटर कॉन्क्लेव-2023 में शानदार काम करते हुए मेंटरिंग द्वारा अपने मेंटीज़ के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव लाने वाले मेंटर्स से उनके मेंटरिंग के अनुभवों को जाना और उन्हें सम्मानित किया है.

इस मौके पर सिसोदिया ने कहा कि वर्तमान समय में राष्ट्र को दिशाहीन होने से बचाना उतना ही आवश्यक है जितना देश को शत्रुओं से बचाना. दिल्ली सरकार की प्रमुख पहल देश के मेंटर प्रोग्राम के तहत मेंटर्स ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों के भविष्य को दिशा देने की दिशा में काम किया है. राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र के भविष्य को सुरक्षित करने में यह उनका सबसे बड़ा योगदान है.

बता दे कि इस कॉन्क्लेव का आयोजन दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) द्वारा किया गया जिसमें IGDTUW की उपकुलपति अमिता देव, DCPCR के चेयरमैन अनुराग कुंडू, अतिरिक्त शिक्षा निदेशक रीता शर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जब हमने आउट ऑफ बॉक्स जाकर सोचा तो देखा की इसमें एक चीज जो मिसिंग है वो है सपना. पिछले सात साल में शिक्षा मंत्री के रूप में मैंने स्कूलों में लाखों बच्चों के साथ चर्चा की.

उन्होंने कहा कि इन सभी चर्चाओं में बच्चों का ड्रीम कहीं न कहीं मिसिंग था. बच्चों से पूछो भविष्य में क्या करना है तो उनके पास उसका जबाव नहीं होता था, क्योंकि बच्चों के पास उनका कोई सपना नहीं था कि उन्हें आगे भविष्य में क्या करना है, लेकिन देश के मेंटर कार्यक्रम ने इस गैप जो भरने का काम किया है और बच्चों को ये डायरेक्शन दी है कि उन्हें अपने भविष्य में क्या करना है? किस क्षेत्र में जाना है?

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेंटरिंग का काम कोई छोटा काम नहीं, बल्कि देश की बेहतरी को नया आयाम देने वाला एक महत्वपूर्ण काम है. हमारे मेंटर्स मेंटरिंग के द्वारा अपना समय देश के भविष्य को संवारने के लिए दे रहे है. ये देश की तरक्की में उनका बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि हमारे मेंटर्स जब अपने मेंटीज से बात करते होंगे तो उस दौरान उन्हें बहुत से उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता होगा, लेकिन जब भी ऐसा हो तो हमारे मेंटर ये बात ध्यान रखे कि वो सिर्फ किसी एक बच्चे को भविष्य की राह नहीं दिखा रहे, बल्कि देश के भविष्य को संवारने का काम कर रहे है.

उन्होंने आगे कहा कि हमारे मेंटर अपने काम पर गर्व करें कि अपने काम की बदौलत वो देश को सपना देखना और उस सपने को सच करने के लिए मेहनत करना सीखा रहे है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश का मेंटर नए आयाम छू रहा है. मेंटरिंग का ये प्रभाव हुआ है कि एक मेंटर ने अपने मेंटी का बाल विवाह रुकवा दिया. मेंटर के मेंटरिंग का ये प्रभाव हुआ कि एक बच्ची जिसे 12वीं के बाद आगे भविष्य में क्या करना है उसके विषय में कोई भी जानकारी नहीं थी. उसने मेंटरिंग पाकर मेहनत की और IGDTUW जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से बीटेक कर रही है और आज स्वयं 4 बच्चों को मेंटरिंग दे रही है.

उन्होंने कहा कि देश का पढ़ा-लिखा युवा ये चाहता है कि उसने जो सीखा उसे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी सीखा सकें. उन्हें भविष्य की राह दिखा सके. ये कार्यक्रम ऐसे युवाओं को, प्रोफेशनल्स को मौका दे रहे है कि वो आगे बढ़कर आये और स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का हाथ थाम उन्हें जिंदगी के कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए अपने भविष्य को संवारने की दिशा दिखा सकें.

बता दे कि केजरीवाल सरकार का फ्लैगशिप प्रोग्राम 'देश के मेंटर' कार्यक्रम भारत का सबसे बड़ा मेंटरिंग प्रोग्राम है. इस कार्यक्रम के तहत लगभग 26,000 मेंटर व 1 लाख मेंटीज ऑनबोर्ड हुए है.