DELHI CRIME: नाबालिग लड़कों को इन चीजों का लालच देकर बनाया जाता था शूटर, फिर फैलाई जाती थी लोगों में दहशत
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DELHI CRIME: नाबालिग लड़कों को इन चीजों का लालच देकर बनाया जाता था शूटर, फिर फैलाई जाती थी लोगों में दहशत

DELHI CRIME: गैंगस्टर्स गांव देहात के युवाओं को गैंग में शामिल होने का लालच और फेमस होने की बात कहकर उनको टारगेट देते थे. गैंग का मकसद था बड़े लोगों के अंदर दहशत फैलाना, जिससे ये लोग आसानी से पैसे दे सके.

DELHI CRIME: नाबालिग लड़कों को इन चीजों का लालच देकर बनाया जाता था शूटर, फिर फैलाई जाती थी लोगों में दहशत

DELHI CRIME: इंटरनेशनल सिंडिकेट इस पूरे एक्सटॉर्शन मॉड्यूल को चला रहे थे जो कि अलग-अलग हैं. जैसे कि कोई पैसे वाला बुकिंग, गैंबलर, रियल स्टेट या कोई बड़ा बिल्डर है. उस शख्स को टारगेट करके उसके हिसाब से पैसों की डिमांड पीड़ित से की जाती थी और चुपचाप हवाला के जरिए पैसे भेज दिए जाने की बात कहते थे. पैसे नहीं भेजने पर डराया धमकाया जाता था और नाबालिग लड़कों को शूटर बनाकर पीड़ितों के घर पर फायरिंग करवाई जाती थी.

सभी गैंगस्टर्स गांव देहात के युवाओं को गैंग में शामिल होने का लालच और फेमस होने की बात कहकर उनको टारगेट देते थे, शूटरों को ये जानकारी भी नहीं दी जाती थी कि आपको किसके दफ्तर या किस पर फायरिंग करनी है और किस जगह पर जाना है, लेकिन जैसे-जैसे नाबालिक लड़के आगे बढ़ते रहते थे वैसे गैंग के लोग इनको संपर्क करते रहते थे. गैंग का मकसद था बड़े लोगों को टारगेट करने के बाद उनके घर की दीवार, दरवाजे, खिड़कियों पर फायरिंग करवाना और सामने वाले शख्स के अंदर दहशत फैलाना, जिससे ये लोग आसानी से पैसे दे सके.

उसके बाद इंटरनेशनल कॉल आता था कि आपने पैसे नहीं दिया तो अंजाम भुगतना पड़ेगा. इंटरनेशनल कॉल मे लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का नाम लिया जाता था की हम उस गैंग के सदस्य बात कर रहे हैं. सभी नाबालिक और बालिक शूटर सैकड़ों किलोमीटर दूर से अपने टारगेट पर पहुंचते थे और फायर करके फरार हो जाते थे और इसी कारण इन को ट्रेस करने में लंबा समय लगा, जैसे सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड में गैंग के अलग-अलग मेंबर अलग-अलग जगह पर पहुंचे थे. उनको कहीं से कपड़े मुहैया कराए गए, अवैध हथियार मुहैया करवाए गए, रहने का ठिकाना दिया गया जैसे-जैसे वह लोग आगे बढ़ते जा रहे थे वैसे-वैसे गैंग के लोग उनको संपर्क कर पनाह दे रहे थे.

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इंटरनेशनल हैंडलर कंट्रोल रूम की तरह काम करता है गैंग

पहला मॉड्यूलः हाल ही में सनलाइट कॉलोनी इलाके में शूटरों ने व्यापारी घर के बाहर फायरिंग की थी. पुलिस ने पूरी लोकेशन को ट्रेस किया बस वाले से पूछताछ की और यह पता चला कि बस ड्राइवर ने इनको बिलासपुर में उतारा था. आखिर में जानकारी मिली कि राजस्थान से 2 लड़के आए थे, जिसके बाद क्राइम ब्रांच राजस्थान पहुंची और यह पता चला कि दोनों लड़के नाबालिक है क्राइम ब्रांच को हिसार हनुमानगढ़ पर इनकी जानकारी मिली. ये लोग अगला टारगेट की रेकी कर रहे है और अगले दिन इनको हथियार दिया जाएगा. 3 को पकड़ा गया, जिसमें 2 नाबालिक लड़के निकले और एक बलिक लड़का. 2 राजस्थान और एक गुजरात का रहने वाला है.

दूसरा मॉड्यूलः हाल ही में नरेला इलाके में प्रॉपर्टी डीलर दफ्तर पर फायरिंग की थी, जिसमें शख्स के भी गोली गई थी. दो लड़कों को गिरफ्तार किया है एक नाबालिक है इन लड़कों को पैसा नहीं दिया जाता था आओ टारगेट के बारे में इनको जानकारी दी गई और सीधा फायरिंग करके फरार हो जजाओ और गैंग में शामिल हो.

तीसरा मॉड्यूलः तीसरे मॉड्यूल में भी कई लोगों को मारने के टारगेट दिया गया था और यह सारा तिहाड़ जेल के अंदर बदमाश प्रियवत के कहने पर किया गया.  प्रियवत ने इनको संपर्क साधा था. जो कि कटेवड़ा कंझावलाका रहने वाला है. तीन से चार टास्क इनको दिए गए थे. पहला टास्क तो ये दिया था कि प्रियवत का पार्टनर जो कि टोल प्लाजा से पैसे कलेक्ट करता था. उसने प्रियवत के जेल जाने के बाद उसका शेयर देना बंद कर दिया था.

(इनपुटः असाइमेंट)