Asian Games 2023: मजदूरी करने पर क्यों मजबूर हैं ताइक्वांडो खिलाड़ी महावीर विनोद राणा, जानें इनकी कहानी
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Asian Games 2023: मजदूरी करने पर क्यों मजबूर हैं ताइक्वांडो खिलाड़ी महावीर विनोद राणा, जानें इनकी कहानी

Asian Games 2023 Date: महावीर विनोद राणा परिवार का पेट पालने के लिए राणा दिहाड़ी मजदूरी करने पर विवश है. किराये के मकान में रहने वाले महावीर ने अपनी मेहनत के दम पर 19वें एशियन गेम्स में अपनी जगह बनाई है. जहां वे 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक चीन में होने वाली इस प्रतियोगिता में भारत को रिप्रेजेंट करेंगे. 

Asian Games 2023: मजदूरी करने पर क्यों मजबूर हैं ताइक्वांडो खिलाड़ी महावीर विनोद राणा, जानें इनकी कहानी

Asian Games 2023: इरादो में अगर जान हो तो बड़े से बड़े फौलाद भी आपका मुकाबला नहीं कर सकता है. दिल्ली के महावीर विनोद राणा ने यह साबित कर दिखाया है. कड़कड़डूमा गांव में किराये के मकान में रहने वाले महावीर ने अपनी मेहनत के दम पर 19वें एशियन गेम्स (19th Asian Games 2023) में अपनी जगह बनाई है. महावीर विनोद राणा अब 19वें एशियन गेम्स में भारत की तरफ से ताइक्वांडो (Taekwondo) खेलते दिखाई देंगे. महावीर ने अपनी जगह ऐसे ही नहीं बनाई है. वे पहले पल्लेदारी करते है और वहां से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. जानकारी के लिए बता दें कि चीन के हांगझू में एशियन गेम्स 2023 का आयोजन 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक किया जाएगा.

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19वें एशियन गेम्स में भारत की तरफ से खेलेंगे राणा
दरअसल, महावीर विनोद राणा का पूरा परिवार उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गांव सपनावत में रहता है. परिवार का पेट पालने के लिए राणा दिहाड़ी मजदूरी करने पर विवश है. महावीर विनोद राणा ने बताया कि पैसे के अभाव में वह स्टेडियम जाकर कभी अभ्यास तक नहीं कर पाए. इंटरनेट की मदद से घर पर ही ताइक्वांडो के पैंतरे सीखे और मोबाइल फोन को ही अपना गुरु बना लिया. कई प्रतियोगिता में हार और जीत का सामना किया. जुजित्सु एशोसिएशन ऑफ इंडिया के बैनर उत्तराखंड में पहली बार आयोजित एशियन गेम्स टीम के लिए 77 किलोग्राम वर्ग में चयन हुआ है. अब 19वें एशियन गेम्स में भारत की तरफ से ताइक्वांडो खेलते दिखाई देंगे. 16 साल खेल में मेहनत इसी उम्मीद से की थी कि कोई अच्छा मुकाम मिलेगा.

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दिहाड़ी मजदूरी करने पर विवश ताइक्वांडो राणा
राणा ने बताया कि वह एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे जहां उन्हें हर महीने करीब 15 हजार रुपये का वेतन मिलता था. इस वेतन से न तो वह अपने परिवार का पालन कर पा रहे थे और न ही अपने ताइक्वांडो के लिए डाइट (खानपान) ठीक से ले पा रहे थे. जब वह परेशान हो गए तो नौकरी छोड़ पड़ोस में रहने वाले दोस्त के साथ मजदूरी करना शुरू कर दिया. आज वह मजदूरी कर परिवार के पालन पोषण कर रहे हैं.

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ताइक्वांडो के बाद कई खेलों में आजमाया हाथ
उन्होंने बताया कि वह ताइक्वांडो से पहले बॉक्सिंग में भी हाथ आजमाया और राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते. इसी के साथ मिक्स मार्शल आर्ट (एम एम ए) में भी चैंपियन बने. वर्तमान में वह जुजुत्सू खेल रहे है और थाइलैंड में विश्व रैंकिंग में स्वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं. उनका कहना है कि वह एक मिनट में 360 पंच लगाकर इंडिया बुक आप रिकार्ड में नाम दर्ज करा चुके हैं और अब गिनीज बुक में नाम लिखाने को प्रयासरत हैं.

एशियन गेम्स में 16 खिलाड़ियों का हुआ है चयन
बता दें कि मंगलवार को जुजित्सु एसोसिएशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में उत्तराखंड में पहली बार ट्रायल संपन्न हुआ है. 19वें एशियन खेल में भारत से 16 खिलाड़ियों का चयन हुआ, उनमें से एक दिल्ली के महावीर विनोद राणा भी है.